Udaipur . आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और अवैध सट्टेबाजी के मामले की जांच करने वाले जस्टिस मुकुल मुद्गल की रिपोर्ट आने के बाद आईपीएल के पूर्व कमिशनर ने टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी पर निशाना साधते हुए कहा कि आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की भी कप्तानी करने वाले धोनी ने फिक्सिंग पर पर्दा डालने का काम किया।
लंदन से एक समाचार चैनल को दिए साक्षातकार में मोदी ने कहा कि धोनी भी इस मामले पर पर्दा डालने में शामिल हैं। गौरतलब है कि धोनी ने पहले कहा था कि सीएसके के मामलो में मयप्पन की कोई दखल अंदाजी नहीं हैं।
धोनी पर मामले में पर्दा डालने का आरोप के साथ ही मोदी ने कहा कि बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) अध्यक्ष एन श्रीनिवासन पर आजीवन प्रतिबंध लगना चाहिए। साथ ही, आईपीएल से सीएसके को बाहर कर देना चाहिए।
मोदी ने कहा कि श्रीनिवासन ने क्रिकेट को बदनाम कर दिया है इसलिए उनपर किसी भी खेल में प्रवेश पर बैन लगा दिया जाना चाहिए। अब वक्त आ गया है कि ऎसे व्यक्ति को बीसीसीआई से हटा देना चाहिए।
गौरतलब है कि जस्टिस मुकुल मुद्गल ने आईपीएल के छठे संस्करण में मैच फिक्सिंग को लेकर सोमवार को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी। रिपोर्ट में बीसीसीआई के चीफ एन.श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन को सट्टेबाजी का दोषी करार दिया गया है। पिछले साल आईपीएल में कथित सट्टेबाजी की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने समिति गठित की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी पर लगे सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच होनी चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीनिवासन का बीसीसीआई प्रमुख के पद पर रहना और आईपीएल फ्रेंचाइजी का मालिकाना हक हितों के टकराव का गंभीर मामला है। इस पर कोर्ट को ध्यान देना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई और इंडिया सीमेंट्स को मामले पर जवाब देने को कहा गया है। समिति का कहना है कि मयप्पन चेन्नई सुपर किंग्स का चेहरा था। इसका मतलब है कि समिति श्रीनिवासन के इस दावे को खारिज कर दिया है कि मयप्पन उत्साहित क्रिकेट प्रेमी था।
जस्टिस मुद्गल ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा,हमें उम्मीद है कि हमारी कुछ सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार की है। सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से कहा है कि कुछ सिफारिशों को स्वीकार किया जाना चाहिए। मुद्गल समिति पिछले साल गठित की गई थी। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने दो सदस्यीय जांत समिति के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। बीसीसीआई ने मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश टी.जयराम चौटा और आर बालसुब्रमण्यम को समिति में शामिल किया था।
मुद्गल समिति ने चार महीने में देश भर का दौरा किया। समिति ने खिलाडियों,पत्रकारों, टीम मालिकों,भ्रष्टाचार निरोधी यूनिट के सदस्यों और अन्य शेयर होल्डर से बात की। जस्टिस मुद्गल ने बताया कि हमने सचिन तेंदुलकर,राहुल द्रविड़,अनिल कुंबले,सौरव गांगुली और अन्य से भी बात की। हमें जो भी सूचना मिली थी उसे हमने रिकॉर्ड किया।