वैदिक मंत्रोच्चार से हुआ होलिका दहन

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नाथद्वारा। विश्व प्रसिद्घ पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथद्वारा में वैदिक मंत्रोच्चर से होली का दहन किया गया। इससे पूर्व आरती के दर्शन के बाद मंदिर के पंड्या डॉ. परेश नागर, खर्च भंडार के भंडारी बंशीलाल गुर्जर एवं मंदिर के कीर्तनकार तथा रसिया गाने वाले ग्वाल-बाल शहर के विभिन्न मार्गों से तहसील रोड स्थित होली मंगरा पहुंचे, जहां पूजा-अर्चना के बाद होली का दहन किया गया। श्रीनाथ गार्ड द्वारा सलामी दी गई। श्रीनाथजी की मुख्य होली के बाद शहर के विभिन्न गली-मोहल्लों में होली का भी दहन किया गया। होली दहन को देखने होली मगरा पर लोगों का भारी हुजूम उमड़ा तथा होली मगरे के नीचे मेला लगा, जहां लोगांे ने मेले का लुत्फ उठाया।
विशाल बावा ने श्रीजी संग खेली होली
होली दहन के बाद शयन के दर्शन में तिलकायत राकेश महाराज व विशाल बावा ने श्रीजी के गाल पर गुलाल लगाकर श्रीजी को होली खिलाई। इसके बाद विशाल बावा वैष्णवों के साथ भी होली खेली व सभी वैष्णवों को होली की बधाई दी।
डोल उत्सव में लालन विराजे श्रीजी संग
श्रीनाथजी में धुलंडी के अवसर पर निधि स्वरूप नवनीत प्रियजी डोल तिबारी में बिराजित किए गए, जहां डोल को आम्र पत्तों से सजाया जाएगा, जिसमें नवनीत प्रियजी को डोल झुलाया गया। प्रभू को गुलाल, चौवा, चंदन से खिलाया गया और आरती उतारी जाएगी। इस दिन चार राजभोग के दर्शन हुए। चारों राजभोग के दर्शन के बाद नवनीत प्रियजी श्रीनाथजी के संग विराजित हुए। इस अवसर पर विशाला बावा गुंसाईकृत शाही जामा धारण किया। दर्शन के बाद पूरे मंदिर को धोया गया तथा इसके साथ गुलाल की सेवा समाप्त हुई।
बादशाह की सवारी
धुलंडी के अवसर पर शहर के गुर्जरपुरा में स्थित बादशाह गली से बादशाह की सवारी निकाली गई, जो मंदिर की परिक्रमा करते हुए श्रीजी मंदिर के गोवर्धन पूजा चौक में पहुंची। श्रीजी मंदिर में बादशाह नवधा भक्ति को मान्यता देने वाली सूरजपोल दरवाजे की सीढिय़ों को अपनी दाढ़ी से बुहारा। इस परम्परा के निर्वाहन के बाद बादशाह की सवारी को पुन: अपने घर प्रस्थान कर गई।
नाथद्वारा में उमड़ा भक्तों का सैलाब
नाथद्वारा। विश्व प्रसिद्घ पुष्टि मार्गीय वल्लभ संप्रदाय की प्रधानपीठ श्रीनाथद्वारा में होली व धुलंडी के अवसर पर भक्तों का जनसैलाब उमड़ा। शनिवार को श्रीजी के राजभोग झांकी के दर्शन लगभग ढ़ाई घण्टे तक खुले रहे।
श्रीजी नगरी में वैष्णवो की जबरदस्त भीड़ को देखने के बाद व्यापारियों के चेहरे खिल गए।
चौपाटी पर लगा रहा वाहनों का अंबार
शहर के चौपाटी पर वाहनों के जमावड़े के कारण बाहर से आए वैष्णवों को भारी मुसिबतों का सामना करना पड़ा। उल्लेखनीय है कि त्योहारों के चलते श्रीजी की नगरी में वैष्णवों की संख्या बहुत ज्यादा थी और राजभोग के दर्शन के दौरान चौपाटी पर वाहनों का जमावडा होने से प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है।

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