अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर उदयपुर में नेशनल वुमेंस आर्टिस्ट कैंप में महिला कलाकार इन दिनों कई पेंटिंग तैयार कर रही है। कैंप के दूसरे दिन सोमवार को भी कई पेंटिंग बनाई गई। वीरांगना सोनी ने बताया कि गैलेरी आर्टोज के इस आर्ट कैंप में देश की टॉप आर्टिस्ट बड़ी रोड़ स्थित स्टूडियो मुमुक्ष में कई थीम बेस पेंटिंग बना रही है। शहर की कलाकार दीपिका माली ने इस कैंप में श्वेत-श्याम वर्णो का प्रयोग करते हुए मानवीय जीवन में सुख: दुख को पेंटिंग के माध्यम से दिखाया है। कैंप का अवलोकन करने के लिए भी शहर के कई लोग पहुंच रहे है। इस मौके पर रघुनाथ शर्मा, विलास जानवे, हेमंत द्विवेदी, सुनील निमावत, भी मौजूद थे।
पंचतत्व और प्रकृति के रंगों का चित्रण
मुंबई की ज्योति देवगरे पंचतत्व पर आधारित रंगों के माध्यम से कैनवास पर पेंटिंग बना रही है, पूना की सुवर्णा साबले ने ज्योतिर्मय आकार को रंगों से विभाजित किया है। दिल्ली की प्रीती मान ने प्रकृति के रंगों का समावेश पेंटिंग में दिखाया है। नागपुर की मीनल राजुरकर ने हाइब्रिड सोसायटी को आधार बनाकर मनुष्य के गुणों की विशेषता दर्शाई है। शहर की ज्योतिका राठौड़ ने मनुष्य को मशीनों में जकड़ा हुआ और उस पर पूर्णतया निर्भर बनाया है। डिंपल चंडात की पेंटिंग मानुषी जीवन की विषमताओं को दर्शा रही है। शर्मिला राठौड़ ने प्रकृति के विविध आयामों करे अमूर्त रूप से चित्रित किया है। किरण मुर्डिया ने शहर के चित्रण, अजमेर की मोनिका चौहान की स्त्री जीवन, इति कच्छावा की मानवीय व्यवहार वाली पेंटिंग भी शहर के लोगों को पसंद आ रही है।
स्त्री जीवन का प्रतीक रूप और मानवीय पहलू
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