प्रतिपक्ष नेता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा
सीज भवन का हो जाता है नियमन!
उदयपुर, नगर परिषद में चल रही नूरा कुश्ती रूकने का नाम नहीं ले रही है। उपसभापति के बाद अब प्रतिपक्ष के नेता ने एम्पावर्ड कमेटी को कटघरे में खडा कर उस पर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने और पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। जिसमें बिल्डरों को लाभ पहुंचाने की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है।
प्रतिपक्ष नेता दिनेश श्रीमाली ने सभापति रजनी डांगी द्वारा गठित कमेटी ने एम्पावर्ड कमेटी पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा कि कमेटी द्वारा दी जा रही निर्माण स्वीकृतियां सिर्फ कुछ बिल्डरों को लाभ पहुंचाने मात्र है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हिरणमगरी सेक्टर 3 में जिस भवन को नगर परिषद ने सीज किया उसी भवन को एम्पावर्ड कमेटी ने निर्माण की स्वीकृति दी है दूसरा आरोप की कमेटी बिल्डरों को बिना स्थान व जगह चिन्हित किये सिर्फ फर्म के नाम पर निर्माण स्वीकृति दे रही है। जबकि निर्माण स्वीकृति के लिए पत्रावलियों मे निर्माण स्थल दर्शाना होता है।
मैसर्स गैटवे स्पेस रियल स्टेट प्रा.लि.ने हिरणमगरी सेक्टर 3 में प्लॉट संख्या 3 पर नियमों के विपरित निर्माण कराया। नगर परिषद ने शिकायत के आधार पर मौका मुआयना किया और निर्माणकर्ता को कई नोटिस दिये फीर भी जब निर्माण जारी रहा तो नगर परिषद निर्माण को सीज कर दिया । इसके बाद कोर्ट में चालान प्रस्तुत करने के बजाय एम्पावर्ड कमेटी ने पैनल्टी वसुल कर नियमन करने का निर्णय दे दिया और अब तक हुए निर्माण को भी स्वीकृति मान ली। श्रीमाली ने आरोप लगाया कि उक्त फर्म पहले भी कई अवैध निर्माण करा चुकी है लेकिन नगर परिषद फिर भी मैहरबान है।
इसी तरह मैसर्स आयो द और व ओरबिट को भवन अनुमति समिति ने बेसमेंट,पार्किंग भूतल व चार मंजिला को अनुमती दे दी थी। प्रार्थी ने दूसरे चरण की अनुमति के लिए आवेदन किया तो परिषद ने पहले चरण के कार्य के अनुरूप स्वीकृति दे दी। श्रीमाली ने आरोप लगाया कि प्रथम चरण का कार्य मौके पर शुरू हुआ ही नहीं फिर कैसे एम्पावर्ड कमेटी के कहने पर निर्माण अनुमति दे दी गयी।
श्रीमाली ने अशोक गहलोत को पत्र लिखते हुए सभापति रजनी डांगी, आयुत्क्त एस.एन.आचार्य,एक्सईएन शिशिरकान्त वाष्र्णेय, एक्सईएन नीरज माथुर, उपनगर नियोजक राजेश वर्मा वाली एम्पावर्ड कमेटी द्वारा ऐसे निर्माणों की स्वीकृति में भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच की मांग की।