उदयपुर। एक जीजा द्वारा उसके 12 साल के साले को २५ हजार में बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बच्चे को अंबामाता क्षेत्र में एक व्यक्ति को बेचा गया था, जिसकी मार पिटाई से तंग आकर बच्चा वहां से भाग निकला। बाद में पुलिस के जरिये ये बच्चा बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के पास पहुंचा, लेकिन अंबामाता पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाए उक्त मामले को मानव तस्करी का बताकर पल्ला झाड़ लिया। बच्चे के शरीर पर काफी चोटें हैं। सीडब्ल्यूसी ने आज सुबह बच्चे का मेडिकल करवाकर मानव तस्करी यूनिट में यह मामला दर्ज कराया है।
सूत्रों के अनुसार झारखंड़ निवासी १२ वर्षीय संजय लूरा यहां देबारी क्षेत्र में २६ मई को लावारिस हाल में घूमता मिला, तो क्षेत्रवासियों ने उसे प्रतापनगर थाने पहुंचाया। प्रतापनगर पुलिस ने संजय को चाइल्ड लाइन को सौंपा। जीजा ने २५ हजार में साले को बेचा
जहां से बच्चे के शरीर पर मारपीट के निशान देखकर उसे सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया गया। सीडब्ल्यूसी के सामने संजय ने बताया कि उसका जीजा उसे झारखंड से दिल्ली लेकर आया था, जहां से उसे उदयपुर लाया गया और यहां पर उसके जीजा ने उसे अंबामाता क्षेत्र में एक व्यक्ति को २५ हजार में बेच दिया। संजय अंबामाता क्षेत्र में उसको खरीदकर प्रताडि़त करने वाले का नाम नहीं बता पा रहा है।
१८ घंटे होता था शोषण
सीडब्ल्यूसी सदस्यों के सामने संजय ने बताया कि उसके जीजा ने जिस व्यक्ति को उसे बेचा था। वह उससे १८ घंटे से अधिक काम करता था और नींद आने पर सोने नहीं देता था। साथ ही रोजाना उसके साथ मारपीट करता था। सीडब्ल्यू से मैंबरों ने बताया कि संजय के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान के साथ ही उसका मुंह भी सूजा हुआ है। इस मारपीट से तंग आकर वह २५ मई को वहां से भाग निकला।
सीडब्ल्यूसी का आरोप: साथ नहीं दे रही पुलिस
सीडब्ल्यूसी मैंबर डॉ. धर्मेेश जैन ने बताया कि बच्चा अभी सीडब्ल्यूसी के पास है और इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है, लेकिन पुलिस साथ नहीं दे रही है। जैन ने बताया कि वो 27 मई को अम्बामाता थाने में बच्चे की तरफ से उसे बेचे जाने का मुकदमा दर्ज कराने गए थे, लेकिन अंबामाता पुलिस ने यह मामला मानव तस्करी का बता कर पल्ला झाड़ लिया, जबकि अंबामाता क्षेत्र में उक्त बेचान और बच्चे के साथ मारपीट हुई थी। इससे मामला अंबामाता थाने का बनता है। सीडब्ल्यूसी ने आज बच्चे का मेडिकल चैकअप कराकर मानव तस्करी थाने में बच्चे के जीजा और बच्चे को खरीदने वाले व्यक्ति के खिलाफ बाल श्रमिक अधिनियम और जे.जे. एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। जैन ने बताया कि झारखंड़ में बच्चे के पिता को सूचना पहुंचा दी है, जो उदयपुर के लिए रवाना हो गया है।