उदयपुर । शहर में भाजपा की अंदरूनी कहल एक एक कर सामने आरही है। जिला प्रमुख शांति लाल मेघवाल द्वारा दलित होने पर कलेक्टर की उपेक्षा का मामला अभी थमा नहीं था कि देहात जिलाध्यक्ष और पूर्व प्रदेश मंत्री पर जिला परिषद सदस्य ने जिला प्रमुख बनाने का झांसा देकर लाखो रुपये ऐठने का आरोप लगाया है। यह भी आरोप लगाया कि यह लाखों रुपये गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को दिए जाने की बात कह कर लिए गए थे। जिलापरिषद सदस्य ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री को भी लेटर लिखा है।
शंकर लाल मेघवाल पटवारी के पद से सेवानिवृत्ति के बाद भाजपा के बैनर तले वार्ड 15 से जिला परिषद सदस्य चुन कर आया था। शंकरलाल मेघवाल ने आज भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री प्रमोद सामर और भाजपा के ही देहात जिलाध्यक्ष तख़्त सिंह शक्तावत पर २३ लाख रुपये लेने की बात कही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा की जब जिला प्रमुख चुना जाना था तब लगभग मेरा नाम तय था। प्रमोद सामर और तख़्त सिंह ने मुझसे २५ लाख रुपये की मांग रखी थी जिस पर मेने दोनों को करीब २३ लाख रुपये अपने बेटे का प्लाट बेच कर दिए थे। शंकरलाल ने आरोप लगाया की प्रमोद सामर और तख़्त सिंह से 23 लाख रुपये देने पहले इसकी जानकारी कटारिया को देने की बात कही तो दोनों नेताओ ने इस रुपये को उनके लिए ही लेने की बात कही। शंकर लाल ने कहा की इसकी शिकायत मेने दो माह पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र लिख कर की है। शंकरलाल मेघवाल ने अपने द्वारा लिखे पत्र में साफ़ किया की जिला प्रमुख नहीं बनाये जाने पर उन्हें यह राशि लौटा दी जाए। अब शंकर लाल यह चाहते हे की उनकी राशि उन्हें फिर से लौटाई जाए क्यूंकि उन्हें जिला प्रमुख बनाने का वायदा पूरा नहीं किया गया हे। शंकर लाल ने कटारिया को ईमानदार अरबपति तो बताया लेकिन कह दिया किसी का ईमान कभी भी डोल सकता है।
संघ के सच्चे नियमों और संविधान का पालन करने वाली भारतीय जनता पार्टी विधान सभा, लोकसभा और उसके बाद पंचायत राज में भारी बहूमत के साथ सत्तासीन तो हुई लेकिन पैसे लेकर टिकिट देने के बाद उच्चे पद पर बिठाने के इस खुलासे के बात यह बात तो साफ हो गई है। पार्टी में टिकिट वितरण के दौरान कई लोगों की पौबारह हुई है तो कई पैसे से भी गए और दमडी कमाने वाला पद भी नहीं मिल पाया। इधर दोनों नेता तख़्त सिंह और प्रमोद सामर शंकर लाल के इस आरोप को निराधार और झूठा बताया है। और इसको संगठन विरोधी कार्रवाई बताई है।
इनका कहना। ……
मुझसे प्रमोद सामर और तख़्त सिंह ने जिला प्रमुख बनाये जाने पर २३ लाख रुपये की मांग की और मेने अपने बेटे का प्लाट बेच कर रुपये इन्हे दिए। जिला प्रमुख नहीं बना तो अब मुझे राशि वापस चाहिए। शंकर लाल मेघवाल , जिला परिषद सदस्य
शंकरलाल मेघवाल के आरोप बिलकुल गलत है निराधार है। कोई रुपये किसी से नहीं लिए गए। जिला प्रमुख बनाने का निर्णय संगठन का था। और यह बात शंकर लाल एक साल बाद क्यों कह रहे है तब क्यों कही। तख़्त सिंह , भाजपा देहात जिलाध्यक्ष
आरोप झूठे और निराधार है, एक तरह से यह संगठन विरोधी कार्रवाई है और इसके लिए संगठन को शिकायत भी की जायेगी। किसी ने किसी से कोई रुपया नहीं लिया। प्रमोद सामर , पूर्व प्रदेश मंत्री।
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