उदयपुर। भाजपा के पीएम इन वेटिंग नरेंद्र मोदी की सभा से पहले शहर में निकली भाजपा (जनजाति मोर्चा सम्मेलन) की रैली जितने गुट थे, उतने टुकड़ों में बिखर गई। नेतृत्व करने वाला कोई नेता नहीं होने से रैली की शुरुआत ही अव्यवस्थित रही।
मेवाड़ के विभिन्न जिलों के प्रमुख नेता रैली में दिखाई नहीं दिए और सभा में मंच से दूर रहे। इसमें प्रतापगढ़ के नंदलाल मीणा, चित्तौडग़ढ़ के श्रीचंद कृपलानी, पूर्व विधायक रणधीरसिंह भींडर का नाम प्रमुख था। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत, झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी, पूर्व विधायक नानालाल अहारी, भवानी जोशी, ग्रामीणों के साथ भीड़ में ही दिखाई दिए। रैली में किरण माहेश्वरी बग्गी में सवार तो हुई, लेकिन उन्हें कटारिया व वसुंधरा राजे के सामने नीचे वाली सीट पर बैठना पड़ा।
ऐसे बिखरी रैली
रैली को टाउनहॉल से डेढ़ बजे रवाना होना था, तब तक वहां भीड़ एकत्र नहीं हुई। दो बजे ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के एक ग्रुप ने नारेबाजी की। कुछ देर बाद वे रैली वाले मार्ग पर रवाना हो गए। टाउनहॉल के बाहर सभी विधानसभा क्षेत्र के बैनर रखे गए थे, माइक में विधानसभा क्षेत्रवार नाम पुकारा जा रहा था, लेकिन इन क्षेत्रों के लोग वहां नहीं पहुंचे थे न ही उन क्षेत्रों के दावेदार या कोई स्थापित नेता दिखाई दिया। बैनर, झंडे वहीं रखे रह गए। लोग पार्किंग स्थल से सीधे सभा स्थल पहुंचने लगे। इस दौरान पता ही नहीं चला कि रैली निकलेगी या नहीं।
कौन कहां दिखाई दिया
जनसंघ के नेता व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मित्र भानू कुमार शास्त्री को मंच पर पीछे की कुर्सी पर बिठाया गया।
मोदी के करीबी माने जाने वाले धर्म नारायण जोशी व उदयपुर शहर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी मांगी लाल जोशी की उपस्थिति दिखाई नहीं दी।
नाथद्वारा विधायक कल्याण सिंह व भीम विधायक हरि सिंह रावत वसुंधरा के करीबी माने जाने के बावजूद रैली, सभा से दूर रहे।
भाजपा के पूर्व शहर जिलाध्यक्ष ताराचंद जैन, डिप्टी मेयर महेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व मंडल अध्यक्ष अनिल सिंघल व ललित मेनारिया सूरजपोल स्थित मिठाई की दुकान पर खड़े थे। पूर्व सभापति रवींद्र श्रीमाली वीर मित्र मंडल के साथ रैली में शामिल हुए।