उदयपुर. मेवाड़ में भाजपा के कद्दावर कहलाये जाने वाले नेता श्री गुलाबचंद कटारिया विधानसभा में लगातार चोथी जीत तो हासिल कर ली लेकिन सत्ता में नहीं आने की खीज अब वह अपने नफरत भरे बोल से निकाल रहे है और अब खुलेआम मुसलामानों के खिलाफ बोलने से भी गुरेज़ नहीं कर रहे है. शायद उन्हें लगता है कि मंदिर मस्जिद, लव जिहाद, पकिस्तान की दुहाई दे कर वह जन समर्थन हासिल कर सकते है. मुसलामानों के खिलाफ अपने बेढंगे बोल बोल कर हिन्दुओं का समर्थन हासिल कर लेंगे. और तो और कमाल यह है कि जिसने पूरी श्रश्ठी का निर्माण किया उस भगवान् को बचाने की बात कर रहे है .
पूर्व गृहमंत्री और उदयपुर शहर के वर्तमान विधायक गुलाबचंद कटारिया वल्लभनगर में पाष्र्वनाथ मंदिर में भाजपा के स्नेह मिलन समारोह में अपना भाषण दे रहे थे और इस भाषण में उन्होंने धर्म और जाती का जो ज़हर उगला उसको सुन कर काफी आश्चर्य होता है कि वो नेता जो मेवाड़ में भाजपा का सबसे कद्दावर नेता माना जाता है वह किसी विशेष समाज के लिए इस तरह की भाषा का इस्तमाल कर सकता है .
इन कद्दावर नेता जो पूर्व भाजपा की सरकार में गृहमंत्री भी रहे उनका कहना है कि
“50 साला यही गन्दगी चली ना तो पहले पाकिस्तान रो कर आये अब हर शहर में पाकिस्तान बन जाएगा , और जो मोहल्ला बन गया तो कभी जयपुर देख आना पुराना जयपुर तुम्हारे मंदिर में भगवन रो रहे है पूजा नहीं होती मंदिर की सेवा नहीं हो सकती क्यूँ की वह बस्ती मेंघिर गया है . कभी वो हड्डी के फेकते है . कभी वो मांस के टुकडे डालते है .रोज़ कौन लडेगा लोग खाली कर कर के आगये अपने बाल बच्चों को बचाने के लिए अपनी जवाब बेटी को बचाने के लिए . अभी देखा लव जिहाद क्या है , समझ नहीं आता है क्या यह लव जिहाद . तुम्हारी बेटियां पंचर वाले के साथ भाग रही है अब अगर गलती की तो कोई रास्ता नहीं बचेगा समय निकल गया हाथ से तो फिर कुछ नही बचेगा “
और आगे सुनिए भगवान से कहते है कि “हम जैसे अच्छे लोग मर गए तो भगवान् तू कहाँ जाएगा ये बता ,.. अगर तुझे बचाना है तो हमारी ताक़त बढ़ा “
यह विचार है इस महान नेता के जो लगातार उदयपुर शहर से 4 बार जीते है . जिन्हें हर धर्म में सम्मान मिला है इसके बावजूद ये कद्दावर नेता मुस्लिम समाज के खिलाफ ज़हर उगल रहे है . शायद इन्हें लगता है कि यह इस तरह की नफरत फैलाएगें और इन्हें वोट मिलेगें वाह वाही मिलेगी. लेकिन उदयपुर की जनता ने इस तरह की नफरत भरे ढकोसलो को हमेशा नकारा है . चाहे यह कद्दावर नेता चुनाव जित गए लेकिन इस तरह यह जनता के प्रतिनिधि कभी नहीं बन सकते .