- ग्राहकों की थोड़ी सी लापरवाही या लालच घर बैठे जेब कटवा देता है। जागरूक रहकर ठगी से बच सकते हैं बैंक ग्राहक,दिनों दिन बढ़ रहे ऑनलाइन ठगी के मामले,समय-समय पर बैंक भी संदेश भेजकर करते हैं आगाह।
- नागौर. आपकी १करोड़ की लॉटरी लगी है…, आपका एटीएम अपडेट करना है..एक लाख का सोना १० हजार में दे रहे हैं..आपको नया एटीएम भेज रहे हैं, अपना पिन नम्बर बताओ..ये ऐसी रटी रटाई पंक्तियां है जो ऑनलाइन ठगी का शिकार करने वाले शातिर लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए फोन पर बात करते समय बताते हैं। ऑनलाइन ठग इतने शातिर हैं कि वे कम पढ़े-लिखे व अनपढ़ तो क्या, पढे-लिखे लोगों को भी चूना लगा जाते हैं।
सतर्कता ही सबसे अच्छा उपाय
जिले में गत एक साल में ऐसे ही कई मामले सामने आ चुके हैं जब लोगों ने कभी लालच में तो कभी लापरवाही से अपनी मेहनत की कमाई खो दी। ऐसे लोगों से सावधान रहने के लिए कई हिदायतें समय-समय पर जारी होती है। फिर भी शातिर ठग किसी न किसी को शिकार बना ही लेते हैं। पिछले कुछ समय से ऑनलाइन ठग एटीएम कार्डधारकों पर निशाना साधे हुए हैं। चालाकी से एटीएम कार्ड से संबंधित पूरी जानकारी लेकर वे बैंक उपभोक्ताओं के साथ ठगी कर रहे हैं। आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, यश बैंक समेत कुछ अन्य बैंकों में भी यह दिक्कत सामने आ रही है।
छह लाख एटीएम किए ब्लॉक
सूत्रों के अनुसार हाल ही थर्ड पार्टी एटीएम से आए वायरस के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने चार दिन पहले अपने लगभग 6 लाख यूजर्स के एटीएम ब्लॉक कर दिए। वायरस से बैंक की सुरक्षा में सेंध लगने का खतरा है। जिन लोगों के एटीएम ब्लॉक हुए हैं, उन्हें दोबारा कार्ड के लिए अप्लाई करना होगा, लेकिन इसके लिए पैसे नहीं देने होंगे और कार्ड इश्यू हो जाएगा। आपको बता दें कि बैंक के इस वायरस से कस्टमर्स के पैसों से छेड़छाड़ हो सकती है और बैंक की जानकारी भी लीक हो सकती है। इसलिए बैंक ने पहले ही ठोस कदम उठाया है।
एटीएम पर वायरस का हमला
बैंक सूत्रों के अनुसार यह सुरक्षा में खलल का मामला है। दिक्कत थर्ड पार्टी एटीएम से है। कई दूसरे बैंकों की सिक्यॉरिटी में भी परेशानी आई है और ये कई दिनों से हो रहा है। बैंकों के जो कस्टमर्स सिर्फ बैंक के एटीएम से ट्रांजेक्शन कर रहे थे, उन्हें कोई खतरा नहीं है, लेकिन कुछ डेबिट कार्ड वायरस इन्फेक्टेड हैं। जब लोग अपने कार्ड को इन्फेक्टेड एटीएम में यूज करते हैं तो उनकी जानकारी लीक होने और बैंकिंग फ्रॉड होने का खतरा बढ़ जाता है। एसबीआई बैंक समेत अन्य बैंक ग्राहकों को संदेश भेजकर सतर्क कर रहे हैं।
- इन बातों का जरूर रखें ध्यान
- -किसी भी अनजान को अपने खाता, एटीएम या क्रेडिट कार्ड की जानकारी नहीं दें।
- -जहां तक हो सके अपनी बैंक के एटीएम से ही राशि निकालें।
- -इंटरनेट या फोन पर किसी से बात करते समय बेहद सतर्क रहें।
- -रिचार्ज, लॉटरी या अन्य प्रलोभन वाले मेल ना खोलें। ऐसे लिंक पर क्लिक नहीं करे।
- -किसी कॉल, एसएमएस या ईमेल पर शक हो तो तुरंत बैंक से संपर्क करें।
- – एटीएम पिन कभी किसी को भी नहीं बताएं। बैंक से फोन या मेल आने पर भी नहीं।
- – कार्ड के पीछे लिखे सीवीवी के अंतिम तीन नंबर कभी किसी को न बताएं।
- – ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड और नेट बैंकिंग पासवर्ड अपने तक ही सीमित रखें।
- – ध्यान रखें कि एटीएम पिन दर्ज करते समय आपको कोई न देखे।
- – अपने एटीएम पिन को याद रखें, इसे कहीं नहीं लिखें। न ही किसी को बताएं।
- – एटीएम पिन नियमित तौर पर बदलते रहें। एटीएम कार्ड खोने पर बैंक को सूचना दें।
- – अलर्ट के लिए मोबाइल नंबर रजिस्टर कराएं। एटीएम पर अजनबी लोगों से सतर्क रहें।
- – एटीएम इस्तेमाल में होम स्क्रीन आने के बाद ही एटीएम से बाहर निकलें।
- – एटीएम से कार्ड और स्लिप लेना न भूलें। जरूरत न होने पर स्लिप फाड़ दें।
ग्राहकों की थोड़ी सी लापरवाही या लालच घर बैठे जेब कटवा देता है
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