अमेरिकन हॉस्पीटल पर मृतक के परिजनों ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप, हर्जाने के रूप में दी गई राशि का चैक बाउंस
उदयपुर। अमेरिकन हॉस्पीटल पर एक मृतक के परिजनों ने इंसानियत को शर्मसार करने वाला आरोप लगाया है। यहां मृतक के परिजनों के साथ धोखा हुआ है। मामला अमेरिकन हॉस्पीटल में डॉक्टरों की लापरवाही से एक युवक की मौत हो गई। बाद में अस्पताल ने हर्जाने के लिए दिए चैक को रद्द करवा दिया और कहा जा रहा है कि जाओ केस कर दो, जबकि बिना पोस्टमार्टम किए मृतक के शव को सप्ताहभर पहले सुर्पेद खाक कर दिया गया है।
मददगार अखबार में छपी के खबर के अनुसार 13 फरवरी को फारुख आज़म कॉलोनी निवासी 30 वर्षीय शहजाद अमेरिकन हॉस्पीटल में अपनी मां के साथ अच्छी हालत में खुद बाइक चलाकर डायलिसिस के लिए गया था। डॉक्टरों ने डायलिसिस के पूर्व ठीक से बीपी और अन्य जांच नहीं की और एक के बाद एक दो इंजेक्शन लगा दिए, जिससे उसकी उसी वक्त मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने पहले तो लापरवाही छुपाने के लिए युवक को वेंटिलेटर पर रख दिया और मृत घोषित नहीं किया। मामला बढ़ जाने से अस्पताल में समाज के लोगों की भीड़ बढ़ती गई। स्थानीय पुलिस, अस्पताल प्रशासन और मृत युवक के परिजनों के बीच वार्ता हुई, जिसमें अस्पताल ने डॉक्टरों की लापरवाही को माना और मृत शहजाद की दो बेटियों के नाम पांच -पांच लाख के दो चैक हर्जाने के रूप में दिए।
आज जब परिजनों ने चैक बैंक में डाले तो बाउंस हो गए, परिजनों ने अमेरिकन हॉस्पीटल के प्रशासन से जब बात की तो उन्होंने टका सा जवाब दे दिया कि क्रजाओ पुलिस में मामला दर्ज कर दो।ञ्ज जबकि उस वक्त मामला रफा-दफा करवाने में पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे। इसी कारण पुलिस केस भी दर्ज नहीं करवाया गया और ना ही पोस्टमार्टम करवाया। समाज में अब चैक बाउंस होने की खबर से आक्रोश फैल रहा है, क्योंकि मृतक शहजाद समाज का सीधा सादा युवक था और कार डेकोर की दुकान पर काम करके गुजर-बसर कर रहा था। छह माह पहले गलत दवाइयों और पीलिया बिगड़ जाने से उसकी किडनियां खराब हो गई थी।
किड्नी ट्रांसप्लांट के लिए 25 लाख का खर्चा था, जो समाज के सैकड़ों लोगों ने सहायताकर जुटाए थे। 22 फरवरी को उसका ऑपरेशन अहमदाबाद में होना था। एक किड्नी उसकी मां देने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही डॉक्टरों की लापरवाही ने उसकी जान ले ली। इस मामले को लेकर आज दोपहर समाज के लोग जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर अमेरिकन हॉस्पीटल को पाबंद करने की मांग करेंगे। परिजनों का कहना है कि चैक देते समय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेश भारद्वाज और अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे। उस वक्त ही यह तय हो गया कि अगर चैक बाउंस होगा, पुलिस अधिकारी जिम्मेदार रहेंगे, लेकिन अब पुलिस अधिकारी भी पलट गए हैं।