उदयपुर। उदयपुर शहर में भूमाफियाओं और असामाजिक तत्वों के होसले इतने बुलंद हो चुके है की उन्हें पुलिस प्रशासन का कोई डर नहीं रहा। बुधवार को युआईटी ने अब तक की सबसे बड़ी कारवाई करते हुए फतहसागर किनारे की ५० करोड़ की बेशकीमती जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करवाई थी और वहां पर अस्थाई बाउंड्री बना दी थी, लेकिन बुधवार रात को ही भूमाफियाओं और अपराधिक तत्वों ने फिर से जमीन पर कब्जा करलिया। गुरुवार सुबह पहुची युआईटी के दस्ते पर पथराव भी किया बाद में युआईटी ने पुलिस बल के साथ जमीन का कब्जा वापस लिया।
बुधवार को युआईटी के जाब्ते ने फतहसागर किनारे बेशकीमती जमीन पर कारवाई करते हुए अतिक्रमण मुक्त करवाया था। युआईटी का जाब्ता जब शाम को कारवाई कर चला गया उसके बाद बुधवार रात कुछ लोग मौके पर पहुंचे और नगर विकास प्रन्यास की ओर से की गई अस्थाई दीवार को गिरा दी। प्रन्यास के अधिकारियों को गुरूवार सुबह जब इसकी सूचना मिली तो अधिकारी पूरे लवाजमे के साथ मौके पर पहुंचे। लेकिन वहां पहले से मौजुद असामाजिक तत्वों ने उन पर पथराव करना षुरू कर दिया। इस घटना के बाद अधिकारियों ने पुलिस और होमगार्ड के जवानों को मौके पर बुलाया और लोगों को वहां से हटाया। साथ ही तथाकथित असामाजिक तत्वों के खिलाफ अंबामाता थाने में मामला दर्ज कराने की बात भी कही है। घटना के बाद प्रन्यास ने मौके पर होमगार्ड के जवान तैनात किए हैं, ताकि दुबारा अतिक्रमण करने वाले लोग मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण नहीं करें।
गौरतलब है कि मोड़ा आदिवासी के पुत्र धनराज की आड़ में क्षेत्र में सफेदपोश लोग अवैध रिसोर्ट का निर्माण करने का प्रयास कर रहे थे। ऐसे में यूआईटी ने कार्रवाई करते हुए खसरा नंबर 1183 के 61757 वर्गफीट क्षेत्र में निवासरत मोड़ा, उसके परिजन और अन्य आदिवासियों के आवासों को क्षति पहुंचाए बिना अवैध रिसोर्ट के निर्माण के प्रयासों को विफल किया।
फतहसागर की पहाड़ी पर कब्जेदारों ने की चोरी पर सीनाजोरी, युआईटी की सम्पत्ति को पंहुचाया नुकसान, कर्मचारियों पर फेंके पत्थर
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