मुस्लिम छात्र को नियत (मन्नत) रखने पर स्कूल से निकाला, तीन साल से पढ़ रहे होनहार छात्र को किया बाहर, धार्मिक भावनाओं को प्रिंसीपल ने पहुंचाई ठेस
उदयपुर। इबादत के माह रमजान में दाढ़ी रखने की नियत (मन्नत) एक होनहार मुस्लिम छात्र को उस समय भारी पड़ गई, जब प्रिंसीपल ने उसे स्कूल से बाहर निकाल दिया। प्रिंसीपल ने फरमान जारी कर दिया कि इस छात्र को आगे की क्लास में तभी एडमिशन दिया जाएगा, जब वह दाढ़ी कटवाकर आएगा, लेकिन मुस्लिम धर्म के अनुसार एक बार नियत रखने के ४० के भीतर दाढ़ी नहीं कटवाई जा सकती। इस वजह से मुस्लिम छात्र और उसके परिजन मुश्किल में आ गए हैं। मामले को लेकर स्कूल की प्रिंसीपल के खिलाफ जिला कलेक्टर को भी शिकायत की गई है।
मामला सेक्टर तीन स्थित सेंट्रल एकेडमी स्कूल का है, जहां छात्र मोहम्मद सलीम तीन साल से पढ़ाई कर रहा है। सत्र 2013-14 में सलीम ने दसवीं क्लास फस्र्ट डिवीजन से पास की थी, लेकिन स्कूल की प्रिंसीपल हेमा छाबड़ा ने उसको आगे की क्लास में एडमिशन देने से मना कर दिया।
छात्र सलीम ने बताया कि उसने प्रिंसीपल से निवेदन भी किया कि अब वह दाढ़ी नहीं कटवा सकता, क्योंकि मुस्लिम धर्म के अनुसार एक बार नियत रखने के बाद फिर उसे वापस नहीं लिया जा सकता, लेकिन प्रिंसीपल ने सलीम की बात नहीं मानी और अपनी जिद पर अड़ी रहीं। छात्र के परिजन भी प्रिंसीपल को समझाने गए, तो प्रिंसीपल ने पहले तो प्रतिशत का हवाला देकर कहा कि कम प्रतिशत में साइंस में एडमिशन नहीं हो सकता। जब परिजनों ने बताया कि सलीम ने दसवीं कक्षा में ७० प्रतिशत अंक अर्जित किए हैं, तो प्रिंसीपल ने अपना पैंतरा बदल कर छात्र की दाढ़ी कटवाने की शर्त रख दी। उसने परिजनों को भी कह दिया कि जब तक सलीम दाढ़ी कटवाकर नहीं आएगा, तब तक एडमिशन नहीं होगा।
पढ़ाई में होनहार : सलीम तीन साल से हिरणमगरी सेक्टर तीन स्थित सेंट्रल एकेडमी में पढ़ाई कर रहा है। हर साल फस्र्ट डिवीजन पास होता रहा है। सलीम के टीचर भी मानते हैं कि वह पढ़ाई में होनहार है। यही नहीं पिछले वर्ष मैथ्स ओलंपियाड में पूरे स्कूल में सलीम ने पहला स्थान पाया था।
नियत कर दाढ़ी कटवाना गुनाह : दाढ़ी रखना सुन्नते रसूल है। आलिमों के अनुसार एक बार दाढ़ी रखने की नियत कर ली और 40 दिन गुजर जाए, तो उसके बाद दाढ़ी नहीं कटवा सकते है। अक्सर मुस्लिम सुन्नते रसूल पर अमल करते हुए दाढ़ी रखते हैं और ताउम्र नहीं कटवाते हैं, सिर्फ ट्रिम करवाते हैं।
भावनाओं को ठेस पहुंची : प्रिंसीपल के इस फरमान को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए जग नागरिक सेवा समिति के संभागीय अध्यक्ष केआर सिद्दीकी ने इसकी शिकायत जिला कलेक्टर और जिला शिक्षाधिकारी को भी की है तथा छात्र को न्याय दिलाने की मांग की है।
कल मेरे पास इस सन्दर्भ में शिकायत आई है | सम्बंधित स्कूल को निर्देशित किया जाएगा कि वह इस तरह से किसी छात्र को प्रवेश से वंचित नहीं रखे और प्रवेश देने के लिओए निर्देशित किया जाएगा – कृष्णा चौहान , जिला शिक्षा अधिकारी
में आपको नहीं जानती और जो हमे सही लगा वो हमने किया जो स्कूल के नियमों के तहत अगर उसका एडमिशन नहीं हो सकता होगा तो नहीं किया में आपको नहीं जानती इसलिए आपको ज्यादा बताना जरूरी नहीं समझती – हेमा छाबड़ा , प्रिंसिपल , से. ३ सेन्ट्रल अकेडमी