बांसवाडा पोस्ट न्यूज़. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की बांसवाड़ा चौकी ने बुधवार को जिले की सरेड़ी बड़ी पंचायत के सरपंच को ४० हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। सरपंच ने यह राशि सीसी सडक़ों के बिल पास करने की एवज में मांगी थी
ब्यूरो के अनुसार सिद्धिक कंस्ट्रक्शन, सरेड़ी बड़ी के ठेकेदार हरीश पाटीदार पुत्र जवान सिंह पाटीदार ने २५ सितंबर को एक परिवाद पेश किया, जिसमें बताया कि उसकी फर्म ने ग्राम पंचायत में तीन सीसी सडक़ों का निर्माण किया है। इसमें करीब १२ लाख रुपए का खर्चा हुआ। निर्माण काय पूर्ण होने के बाद भुगतान के लिए ग्राम पंचायत में बिल प्रस्तुत किए। इस पर सरपंच देवीलाल बामनिया ने फर्म को छह लाख ३७ हजार रुपए के चेक जारी कर दिए, लेकिन साथ ही बतौर कमीशन के रूप में सात प्रतिशत रिश्वत राशि की मांग की .
एसीबी के डीएसपी गुलाबसिंह के नेतृत्व में कार्रवाई की। परिवादी ठेकेदार सरेड़ी बड़ी के ही हरीश पाटीदार को रंग लगे नोट देकर भेजने पर सरपंच ग्राम पंचायत में नहीं मिला। फोन पर बात की, तो उसने पास के माखियावाले मैदान में आने को कहा। फिर पत्नी चंपूदेवी को साथ लेकर वह बाइक पर पहुंचा। नकदी लेते ही उसे पकड़े जाने का शक हुआ तो बीवी को बाइक पर बैठाकर नहर के किनारे-किनारे खेत की तरफ भागने लगा। इस पर दो जवानों ने बाइक पर पीछा किया तो टीम के बाकी सदस्य पीछे दौड़े पकड़ा। वापस लाने पर गांव के कुछ लोग आगे आकर शोर-शराबा करने लगे। इस बीच, चंपूदेवी ने भी दांतली निकालकर टीम को ललकारा।
मौके पर जैसे-तैसे समझाइश कर टीम ने एकबारगी पूछताछ के लिए सरपंच को चौकी ले जाने की बात की और गाड़ी में बैठाकर सीधे बांसवाड़ा लाए।
सरपंच को बांसवाड़ा लाकर केमिकल डाले पानी में हाथ धुलवाने पर गुलाबी रंग निकल आया। इस पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। कार्रवाई में ब्यूरो के राजकुमारसिंह, गणेश लबाना, रतनसंह, दशरथसिंह, करणसिंह, जितेंद्रसिंह झाला और पूनम स्वामी शामिल थीं।
जिलेमें एसीबी ने जून से अब तक 4 महीनों में ट्रेप की यह चौथी कार्रवाई की। इससे पहले 3 जुलाई को टीम ने कुशलगढ़ के तत्कालीन सीआई रामेश्वरलाल, 21 जून को एलडीसी जीवतराम और उससे पहले 17 जून को सदर थाने के एसआई गोकुलराम को रिश्वत लेते पकड़ा था। गबन और पद के दुरुपयोग के आरोपों पर शहर के नूतन स्कूल के प्राचार्य अरुण व्यास के खिलाफ जांच शुरू की, जो अब भी जारी है।