कलर्स के फ्लैगशिप धारावाहिक बालिका वधू – कच्ची उम्र के पक्के रिश्ते हमेशा ऐसा धारावाहिक रहा है जिसने सामाजिक संदेश दिया है। धारावाहिक की मुख्य पात्र आनंदी आज घर-घर में जाना पहचाना नाम बन चुकी है। वह हमेशा महिलाओं के अस्तित्व को महत्व देती रही है और उसने महिलाओं को अपने पैरों पर खड़े होने तथा सामाजिक बुराई से लडऩे के लिए प्रोत्साहित किया है। वह हमेशा देश की अनेक महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रही हैं तथा इस बार आनंदी ने एक और बड़ा और साहसिक कदम उठाने का फैसला किया है और वह है अपना बच्चा पैदा करने के बजाय गोद लेना।
बालिका वधू में फिलहाल कहानी इस बात पर केंद्रित है कि आनंदी कैसे गांव की एक महिला चंदा के साथ अनाथालय जाती है जिसने उसे घरेलू हिंसा से बचाया था। अनाथालय में सभी बच्चों को देखने के बाद उसके मन में बच्चों के लिए हमदर्दी उमड़ती है और वह उनके बारे में सोचने लगती है। इसलिए उसके अंदर ममता जाग उठती है। वह वापस घर जाती है और सोचती है कि कैसे इन बच्चों को बेहतर भविष्य दिया जाए। वह अनाथालय के बारे में अपने अनुभव अपने पति शिव (सिद्धार्थ शुक्ला) को सुनाती है। वह उसके साथ दिल से बात करती है और उससे पूछती है कि क्या वे बच्चे को उसका हक देने के लिए एक बच्चा गोद ले सकते हैं। आनंदी के साथ चर्चा करने के बाद शिव उसके निर्णय पर सहमति दे देता है और वे दोनों निर्विरोध रूप से फैसला करते हैं कि पहला बच्चा गोद लिया जाएगा और दूसरा बच्चा उनका जैविक बच्चा होगा।
आनंदी का समर्थन करने वाले उनके पति की भूमिका निभा रहे सिद्धार्थ शुक्ला ने कहा, इस धारावाहिक का अंग बनना मेरे लिए सचमुच सम्मान की बात है जो हमेशा अपने दर्शकों को सामाजिक संदेश देता रहा है। ऐसे लाखों बेघर अनाथ परित्यक्त बच्चें हैं जिनका अपना कोई दोष नहीं है। हमें उम्मीद है कि इस धारावाहिक के जरिए हम संतानहीन जोड़ों को सामाजिक कुरीति के जाल में फंसने से रोकने और उन बच्चों के जीवन में आनंद भरने के लिए उत्साहित कर सकेंगे जो अपने माता-पिता का प्यार और आलिंगन पाने का सपना देखते हैं। हम सब मिलकर ऐसे बच्चों के जीवन में बदलाव ला सकते हैं।