परिवहन, माइनिंग और पुलिस विभाग की मिलीभगत से रोजाना खरका से भरी जा रही है सौ ट्रक बजरी, २०१३ में कोर्ट की रोक के बाद से लगातार जारी है खरका नदी में खनन, राजसमंद और उदयपुर के बजरी माफिया ने बनाया सिंडिकेट, जो सब तक पहुंचा रहा है बंधियां, कुराबड़ थाना पुलिस प्रत्येक ट्रक से ले रही है दस हजार और ट्रैक्टर से पांच हजार रुपए
उदयपुर। कलेक्टर रोहित गुप्ता ने बीती रात बजरी से भरे ट्रैक्टरों को पकडक़र खरका नदी से हो रहे अवैध बजरी खनन का हाल खुद देखा। ये अवैध कारोबार २०१३ से चल रहा है, जिसमें परिवहन, माइनिंग और पुलिस विभाग की मिलीभगत है। अवैध कारोबार से इन तीनों विभागों के अधिकारी करोड़ों रुपए की चांदी काट रहे हैं। जानकारों के अनुसार राजसमंद और उदयपुर के बजरी माफिया द्वारा बनाए गए सिंडिकेट के तहत इन अधिकारियों तक घूस पहुंचाई जा रही है।
उदयपुर के पांचों जिलों में २०१३ से बजरी खनन पर न्यायालय ने रोक लगा रखी है। इस बीच राजसमंद के नाथद्वारा, हमीरगढ़ और बस्सी से रेती-बजरी यहां लाई जा रही है, लेकिन खरका नदी से रेती का अवैध कारोबार फिर भी बंद नहीं हुआ है। पता चला है कि रोज रात को करीब सौ से ज्यादा ट्रक खरका नदी से बजरी लेकर निकलते हैं, जो गींगला, मिथौड़ी, कुराबड़ होते हुए उदयपुर आते हैं। कुराबड़ में धोबीघाट पर माइनिंग विभाग की अस्थाई चौकी बना रखी है। पता चला है कि कुराबड़ पुलिस और माइनिंग विभाग वाले शामलात में प्रत्येक ट्रक से दस हजार रुपए घूस लेते हैं और देबारी चौकी से ट्रक पास होने पर दो सौ रुपए लिए जाते हैं। यहां आने पर प्रतापनगर चौराहे पर बजरी माफिया भी ट्रक मालिकों से एक फिक्स बंधी लेते हैं। यह पूरा कारोबार बजरी माफियाओं द्वारा बनाए गए सिंडिकेट के तहत चल रहा है। इस कारण खरका नदी से बजरी का खनन बेरोक-टोक जारी है।
ठेकेदारों ने बनाया सिंडिकेट
राजसमंद के ठेकेदारों ने यह सिंडिकेट बनाया है, जिसमें उदयपुर के बजरी माफिया भी शामिल है। इस सिंडिकेट का काम ही यही है कि अधिकारियों तक घूस पहुंचाए और रेती की ट्रकों को उदयपुर पहुंचाए। इस सिंडिकेट का ऑफिस हिरणमगरी में है, जहां से इस काम को अंजाम दिया जाता है।
सीएम को नहीं भेजी रिपोर्ट :
पिछले दिनों टीएसपी एरिया में बजरी खनन पर रोक हटाने के लिए मुख्य सेवक वसुंधरा राजे ने माइनिंग डिपार्टमेंट से रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन ये रिपोर्ट आज तक नहीं भेजी गई। बताया गया है कि अगर खरका नदी से खनन पर रोक हट जाएगी तो माइनिंग, पुलिस और परिवहन विभाग में जा रही अच्दी खासी घूस बंद हो जाएगी। इसलिए ये रिपोर्ट नहीं भेजी गई। ये तीनों विभाग भी चाहते हैं कि खरका नदी से अवैध खनन होता रहे, ताकि उन तक लाखों रुपए की काली कमाई पहुंचती रहे।
मर्द कलेक्टर!
बजरी माफिया से निबटने के लिए उदयपुर जिले के नये कलेक्टर रोहित गुप्ता कल रात खुद की जान जोखिम में डालकर सडक़ पर दौड़ पड़े। जिसने भी यह सुना वह खुश हो गया। एक ने कहा बंदा क्रमर्दञ्ज है। दूसरे ने कहा जवानी का जोश है, बहुत ऊपर जाएगा। तीसरा बोला-महाराणा प्रताप के शहर में ऐसा अफसर ही चाहिए। बहरहाल यह वाक्या सुनकर पूर्व में रहे कलेक्टर आदर्श किशोर सक्सेना की याद आ गई, जिन्होंने हिंसा पर उतारू सैंकड़ों छात्रों की भीड़ को बड़े अस्पताल में अकेले ही ललकारा और काबू करके दिखाया। वह भी मर्द कलेक्टर ही थे।
कलेक्टर साहब! यहां पूरे कुएं में घुली है भांग
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