वो किसी से नहीं डरती थी, लेकिन कोई उनसे डरता था

Date:

पोस्ट । वो किसी से नहीं डरती थी, लेकिन कोई था जो उससे बहुत डरता था, इतना ज्यादा डरता था कि उसने उसकी हत्या कर दी। पत्रकार एवं एक्टिविस्ट गौरी लंकेश जिसकी मंगलवार को बैंगलोर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी कि मृत्यु के मद्देनजर ये शब्द सीधे दिल पर असर करने वाले हैं।
वे उसे क्यों मारना चाहते थे? वे किस बात से डरते थे? एक दुबली-पतली अधेड उम्र की महिला से किसी को भी क्या खतरा हो सकता था? ये लोग कौन थे जो बेहद डरे हुए व कमजोर थे और जिनमें इतनी ज्यादा नफरत थी, साथ ही वे इतने अमीर थे कि उसकी हत्या के लिए पेशेवर हत्यारों को सुपारी दे सकें?
पत्रकारिता के मूल सवाल हैं – कब? कहां? कौन? क्या? क्यों? और कैसे? गौरी लंकेश के केस में सिर्फ कब और कहां का जवाब पता है अन्य सवालों के जवाब अभी अटकलों व अनुमानों में छिपे हुए हैं।
साफ शब्दों में कहें तो सर्वाधिक संभाव्य सिद्घान्त, जो अभी प्रचलित है, यह है कि उसे हिन्दुत्व उन्मादियों ने मारा है, क्योंकि वह लगातार उनका पर्दाफाश कर रही थी, जिससे ये लोग काफी चिढे हुए थे।
कन्नड भाषा में प्रकाशित उनके साप्ताहिक पत्र में लिखे उनके हालिया आलेख तथा विभिन्न ऑनलाइन प्रकाशनों में लिखे उनके अंग्रेजी के आलेखों पर सरसरी नजर डाली जाए तो उपरोत्त धारणा को बल मिलता है।
अपनी पत्रिका गौरी लंकेश पत्रिके में वे धर्मनिरपेक्षता, दलितों, शोषितों व महिलाओं के अधिकारों के प्रति काफी मुखर रही हैं। और अपने सभी आलेखों में उन्होंने दक्षिण पंथी राजनीति व भगवा नेताओं की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोडी। यहां तक कि ट्विटर व फेसबुक पर उनकी सोशल मीडिया पोस्ट पर भी नाराजगी व क्रोधभरी प्रतिक्रियाएं आती थी उन्हें राष्ट्र विरोधी व हिंदु विरोधी जैसे तमगों से नवाजा जाता था।

भगवा खेमे में उनके वैचारिक शत्रुओं की संख्या काफी ज्यादा थीं। गत नवम्बर में कर्नाटक के हुबली जिला मजिस्ट्रेट ने उन्हें मानहानि के मुकदमे में दोषी ठहराया था, जिसमें उन्हें ६ माह का कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। हालांकि उन्हें उसी दिन जमानत मिल गई थी। यह मामला २००८ में उनकी पत्रिका में धारवाड के भाजपा सांसद प्रहलाद जोशी तथा भाजपा नेता उमेश दुशी पर लिखे एक लेख से सम्बन्धित था।
उनकी प्रतिक्रिया भी उन्हीं के जैसी निडर थी मुझे पता नहीं था कि भाजपा की आईटी सैल इस मसले का इस्तेमाल दूसरे पत्रकारों को डराने के लिए करेगी।
उन्होंने कहा था कि, उनकी स्थिति देश में अभिव्यत्ति* की आजादी की स्थिति पर जो कहती है, उनकी चिंता उसी बात को लेकर है। यह बात काफी चिंताजनक है कि जो लोग सत्तारूढ विचारधारा का विरोध करते हैं उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
एम एम कलबुर्गी, जिनकी हत्या को बजरंग दल के कार्यकर्ता भुविथ शेट्टी ने जायज ठहराते हुए ट्वीट किया था कि, हिंदुत्व का मजाक उडाओ और कुत्ते की मौत मरो। इसके बाद उभरते हालात पर भी गौरी ने अपने विचार बेबाकी से रखे। गौरतलब है कि शेट्टी पर गत वर्ष किसी हरीश पुजारी की हत्या का आरोप लगा था। कहा जा रहा है कि उसने पुजारी को गलती से मुसलमान समझ लिया था इसलिए उसकी हत्या कर दी थी।
गौरी ने बी वी सीताराम का भी जिक्र किया, जिन्हें मानहानि के आरोप में गिरफ्तार किया था। सीताराम ने कहा था कि उसे अपनी हत्या किए जाने का डर है। उसने कहा कि, अगर मुझे मंगलोर जेल भेजा गया तो बजरंग दल के लोग मुझे जेल में ही नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अपने खिलाफ केस के मामले में लंकेश ने कहा कि जहां तक वे समझती हैं, मानहानि का मुकदमा करने वाले को साबित करना होता है कि उसकी मानहानि हुई है और अदालत को आलेख पर अपनी राय तय करने का अधिकार नहीं है।
गौरी को लगता था कि आलेख पर प्रहलाद जोशी की आपत्ति निराधार है क्योंकि यह आलेख तो एक जूलर के बारे में था जो न्याय मांगने के लिए जोशी के पास गया था क्योंकि उसे जोशी की पार्टी सदस्य परेशान कर रहे थे। चूंकि जोशी के पास उसकी सुनवाई नहीं हुई इसलिए उसने पुलिस के पास जाने की धमकी दी थी।
असल में इस खबर में आरोप लगाया गया था कि जोशी अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को बचा रहे हैं। लेकिन इस खबर से जोशी को कोई नुकसान नहीं हुआ। यह खबर कई अखबारों में छपी थी लेकिन उन्हीं के प्रकाशन को निशाना बनाया गया। गौरी का सवाल था, मैने उन्हें कैसे बदनाम किया, वे तो उसके बाद चुनाव भी जीते हैं।
जहां तक दुशी का सवाल है लंकेश का कहना था कि उनके खिलाफ पहले से ही कई केस थे इसलिए दुशी की प्रतिष्ठा को उनके प्रकाशन से शायद ही कोई नुकसान हुआ हो।
कुल मिलाकर उनका कहना था कि भारत में लोगों की आवाज दबाई जा रही है और काले अंधकार भरे दिन आने वाले हैं। गत दो वर्षों में देशद्रोह का आरोप तो हर मामले में लगा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार समर्थक असंतोष व असहमति को दबाने के लिए कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं।
रिपोर्ट कहती है गौरी लंकेश जो कर्नाटक के भ्रष्ट नेताओं व उद्योगपतियों का पर्दाफाश करने पर काम कर रही थी, ने अपने मित्रों को हालिया दिल्ली यात्रा के दौरान ऐसे आलेखों की शृंखला पर काम करने का संकेत दिया था।
चार सितम्बर को गौरी ने ट्वीट किया था कि, मुझे ऐसा क्यों लगता है कि हममें से कुछ आपस में ही लड रहे हैं? हम सब अपने सबसे बडे शत्रु के बारे में जानते हैं। बैंगलौर पुलिस इसे उनके मन की बेचैनी का संकेत मान रही है। एक कन्नड टी वी चैनल ने दावा किया था कि कुछ दिन पहले भी हत्यारों ने लंकेश का पीछा किया था। पब्लिक टीवी ने दावा किया कि लंकेश की हत्या का पहला प्रयास दो सितम्बर को हुआ था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

just what makes hot older male gay therefore special?

just what makes hot older male gay therefore special?there...

How to obtain the perfect cuckold dating site

How to obtain the perfect cuckold dating siteLooking for...

Enjoy discreet and safe hookups in miami

Enjoy discreet and safe hookups in miamiEnjoy discreet and...

Experience the excitement of gay hookups with local men

Experience the excitement of gay hookups with local menLooking...