जोधपुर/सूरत। जोधपुर की स्थानीय कोर्ट गुजरात पुलिस की उस अर्जी पर शुक्रवार को फैसला सुनाएगी जिसमें बलात्कार के आरोपी आसाराम को ट्रांजिट रिमांड पर सौंपने की मांग की गई थी। कोर्ट ने मामले में आरोपी शिवा और शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
शादीशुदा महिला ने लगाया था बलात्कार का आरोप
आसाराम को ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए गुजरात पुलिस गुरूवार को जोधपुर पहुंची और स्थानीय कोर्ट में अर्जी लगाई। शादीशुदा महिला ने सूरत के जहांगीरपुरी थाने में आसाराम के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में पूछताछ के लिए गुजरात पुलिस आसाराम को वहां ले जाना चाहती है। नाबालिग से यौन शोषण का आरोपी आसाराम फिलहाल जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद है।
पीडिता को मोटेरा आश्रम ले गई सूरत पुलिस
इस बीच सूरत पुलिस की स्पेशल टीम आसाराम पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली महिला को गुरूवार को अहमदाबाद स्थित मोटेरा आश्रम ले गई। महिला ने पुलिस को वह कमरा दिखाया जहां वह 8 साल तक रही थी। इसके बाद पुलिस उसे महिला आश्रम ले गई,जहां महिला काम करती थी।
अंत में उसे शांति कुटिया ले जाया गया। शांति कुटिया आश्रम से 3 किलोमीटर दूर आई हुई है। इसी कुटिया में आसाराम ने महिला से बलात्कार किया था। आश्रम के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे ताकि आसाराम के समर्थक अंदर न घुस पाएं। रेप पीडिता के बयान और सबूतों के आधार पर पुलिस पंचनामा तैयार करेगी।
23 साल से लड़कियों को शिकार बना रहा था आसाराम
आसाराम को लेकर एक और खुलासा हुआ है। इसमें सामने आया कि आसाराम वर्ष 1990 से लड़कियों को अपना शिकार बना रहा था। हिसार के रहने वाले अजय कुमार ने जोधपुर पुलिस को बताया कि 90 के दशक में वह आसाराम का मुख्य सेवादार था। वह चार-पांच साल तक आसाराम का मुख्य सेवादार रहा। इस दौरान आसाराम हर रोज लड़कियों से अकेले में मिलता था और उनका यौन शोषण करता था। अजय कुमार जांच में सहयोग के लिए खुद जोधपुर पुलिस के समक्ष पेश हुआ और अपना बयान दर्ज कराया। उसने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष भी अपना बयान दर्ज कराया।