उदयपुर। अवैध हथियारों और फर्जी लाइसेंस के मामले में एटीएस ने जिन नामचीन रसूखदारों ने फर्जी हथियार के लाइसेंस बनवाये थे उन्हें जयपुर तलब किया है। रसूखदारों में गिरफ्तारी के डर से खलबली मची हुई है। एटीस ने अभी तक नामों का खुलासा तो नहीं किया लेकिन सूत्रों की मानें तो अधिकतर फर्जी लाइसेंस भू कारोबारियों ने ही बनवाये थे। अब ये अलग शोध का विषय है कि इन भू कारोबारियों ने अपनी सुरक्षा के लिए बनवाये थे या भूमि व्यवसाय में मजलूमों को डराने धमकाने के लिए।
शहर के १३ रसूखदार जिनके नाम अभी तक एटीस ने खुलासा नहीं किया उन्हें एटीस की हाई अथोरिटी ने पूछताछ के लिए जयपुर बुलाया है। इन नामचीन रसूखदारों में एक तरह से डर भी है की उन्हें बुला कर गिरफ्तार किया जायेगा। इधर एटीस भी हथियारों और लाइसेंस के लिए गहनता से जांच कर रही है, जानकारी के अनुसार लाइसेंस की जांच के लिए एटीस की टीम जम्मू कश्मीर गयी हुई है। १३ हथियारों के लाइसेंस के साथ २० हथियार जब्त किये थे लेकिन जांच के बाद अब इन हथियारों की संख्या ३० हो गयी है।
१३ नाम चीन लोगों के नामों का खुलासा एटीस ने तो नहीं किया लेकिन सूत्रों के अनुसार अधिकतर नाम सामने आचुके है जिनमे एक बड़े तम्बाकू प्रोडक्ट से जुड़ा हुआ है, जो सारा कारोबार संभालता है। एक हाथीपोल स्थित मॉल का मालिक, बड़ी के पीछे एकांत में स्थित रिसोर्ट के दो पार्टनर, आयड पुल स्थित बड़े मॉल का एक बड़ा एक पार्टनर, विशेष संगठन का कार्यकर्ता जो भू कारोबार में लिप्त है, दो शराब के व्यवसायी, दो भाई के नाम भी है जिनका कपड़ों का शोरूम है साथ ही भूमि व्यवसाय में भी लगे हुए है। एक बड़े ट्रावेल्स का मालिक है। इन सब में एक सबसे बड़ी बात निकल कर यह सामने आरही है जितने भी लाइसेंस धारी है सभी भू कारोबार में लिप्त है। यह जांच का विषय है कि इन लोगों ने यह फर्जी लाइसेंस अपनी सुरक्षा के लिए बनवाये थे या भूमी व्यवसाय में गरीब और मजलूम लोगों को डराने के लिए हथियारों का इस्तमाल होता था। यह तो सर्व विदित है कि लेकसिटी में भूमी का कारोबार में भूमाफियाओं के कई कारनामों और करतूतों से भरी पड़ी है जिसमे डरना धमकाने से लेकर भूमि पर अवैध कब्जे तक किये जाते है जिसमे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की भी लिप्तता सामने आचुकी है।