उदयपुर। विधानसभा चुनाव को लेकर जहाँ राजनैतिक पार्टियां समाजों को मनाने में लगी हुई है वही दूसरी तरफ हर समाज अब दोनों राजनैतिक पार्टियों के प्रत्याशियों से अपने हितों की रक्षा का वादा चाहता है। और इस बार उदयपुर के मुस्लिम समाज से जुड़े सभी संगठनों ने उदयपुर अंजुमन तालिमुल इस्लाम कमिटी के बैनर तले भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों से मांग रखी है कि इस बार मुस्लिम वोट सिर्फ उन्ही को जाएगा जो मुस्लिमों के हितों को अहमियत देगा जो बिना भेदभाव दिखाते हुए समान तरीके मुस्लिमों के विकास की बात करेगा।
लेकसिटी प्रेस क्लब में अंजुमन तालिमुल इस्लाम कमिटी उदयपुर द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंजुमन के सदर मोहम्मद खलील ने अपनी बात रखते हुए कहा कि चाहे कांग्रेस हो या भाजपा दोनों पार्टियों ने हमेशा मुसलामानों को दूसरे दर्जे पर रखते हुए कभी उनके उत्थान के लिए सकारात्मक प्रयास नहीं किये। इसीलिए आज उदयपुर के करीब २२ मुस्लिम संगठनों को एक मंच पर आकर यह बात कहनी पढ़ रही है कि इस बार मुस्लिमों का वोट उसी को जाएगा जो मुसलामानों के हितों और विकास को अपने मेनिफेस्टो में जगह देगा।
सदर मोहम्मद खलील ने कहा कि उदयपुर शहर विधानसभा में मुसलामानों के वोट करीब ३०००० हज़ार है और ग्रामीण विधानसभा में 16 हज़ार से अधिक इसके बावजूद उन्हें कभी तवज्जो नहीं दी गयी। चाहे भाजपा हो या कांग्रेस किसी ने उन्हें कोई लाभ का संवेधानित राजनैतिक पद नहीं दिया। इस बार ऐसा नहीं होगा क्यूंकि जब तक हमे आश्वाशन नहीं मिल जाता मुसलामानों के का समारतीहैं उस प्रत्याशी को नहीं मिलेगा।
अंजुमन के सेक्रेटरी रिज़वान खान ने कहा पिछले १० सालों से शहर के विधायक भाजपा के गुलाबचंद कटारिया है जो की इस बार की सरकार में गृहमंत्री भी है लेकिन वे कोई ऐसा काम गिनाये जो उन्होंने मुसलामानों के हितों के लिए किया हो। अगर उनके पास मुसलमान कोई कार्य के लिए जाते है तो उनके पास एक ही जवाब होता है कि आपके मुस्लिम वार्डों से भाजपा को या मुझे वोट कितने दिए है कि आपके कामों को तरजीह दिया जाये। रिज़वान खान ने कहा की जब तक चुनाव लड़ा जाता है तबं तक ही कोई प्रत्याशी पार्टी का होता है लेकिन विधायक या किसी संवैधानिक पद पर चुने जाने के बाद वह पूरी जनता का हो जाता है इतनी सी बात माननीय गृहमंत्री जी को समझ में नहीं आती।
यही नहीं सदर खलील मोहम्मद ने यह भी कहा की जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तब भी शहर के मुसलामानों के साथ दोयमदर्जे का सुलूक किया गया ना तो उन्हें कही कोई पद दिया गया ना ही उसके क्षेत्र में विकास पर कोई कार्य हुआ। चुनाव के दिनों में समाज जनों के साथ मीटिंग कर सिर्फ आश्वाशन देने से अब काम नहीं चलेगा अब मुसलामों के विकास की दिशा तय करते हुए मेनिफेस्टों में बताना होगा की आप मुसलामानों के लिए क्या करेगें।
सदर मोहम्मद खलील ने कहा की हम बहुत जल्दी सभी संगठनों के साथ बैठक कर एक मांगपत्र प्रकाशित करेगें और दोनों पार्टियों में से जो भी हमारे उस मांगपत्र में मांगी गयी मांगों को मेनिफेस्टों में सम्मिलित करेगा उदयपुर का हर मुसलमान वोटर उनको समर्थन करेगा।
पत्रकारों द्वारा पूछा गया की अगर किसी ने भी अपने मेफेस्टों में उनकी मांगों को सम्मिलित नहीं किया तो क्या वह चुनाव का बहिष्कार करेगें तो उस पर उन्होंने कहा की नहीं चुनाव एक अधिकार है उसका बहिष्कार नहीं करेगें लेकिन कुछ ऐसा जारोपोर करेगें जिससे की शहर के मुसलामानों की ताकत का अंदाज़ा दोनों पार्टियों को हो जाए।
सदर मोहम्मद खलील ने बताया की उनके साथ शहर के करीब करीब सभी मुस्लिम सामजिक संगठन साथ में है और उनके सभी प्रतिनिधियों से हमारी लगातार वार्ता जारी है। मांगपत्र प्रकाशित करने के बाद हम हर घर तक यह सन्देश देंगे की हमे अपने हक़ के लिए क्या करना है।
उदयपुर का मुसलमान चुनाव में उसका समर्थन करेगा जो उनके हितों को अपने घोषणा पत्र में जगह देगा – अंजुमन कमेटी का आव्हान
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Isko padhlo, kom ke badon ko malum he ni kitni aabadi he kya ye log politics ke aage kuch ni kar sakte he.
dhang se padha karo 30000 kiski population he,,,, batao in logon ko 11 ki janganana me me 100000 se jyada voter the ab or bhi jyada hogi. niche ke link pe dekh lo
https://indikosh.com/dist/114383/udaipur