- अमृतसर के जोड़ा फाटक पर शुक्रवार शाम हुआ दर्दनाक हादसा
- पटाखों के शोर में दब गई ट्रेन की आवाज, चपेट में आए काफी लोग
- जोड़ा बाजार में रावण दहन के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी भी मौजूद थीं
जोड़ा बाजार में रावण दहन देख रहे लोग शुक्रवार शाम 100 से ज्यादा रफ्तार वाली दो ट्रेनों की चपेट में आ गए। पुलिस का कहना है कि इस हादसे में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि दशहरा मैदान के पास ही जोड़ा फाटक है। रावण दहन देखने के लिए लोग दशहरा मैदान से जोड़ा फाटक तक खड़े हुए थे।
पुतला जलने के बाद भगदड़ मची थी : पुलिस के मुताबिक, रावण का पुतला जलने के बाद जोड़ा बाजार में भगदड़ मच गई। उसी दौरान जोड़ा फाटक से तेज रफ्तार में दो ट्रेनें गुजरीं, जिनकी चपेट में काफी लोग आ गए।
150 मीटर तक बिखरी लाशें : पुलिस ने बताया कि एक ट्रेन पठानकोट से अमृतसर जा रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पटाखों के शोर में लोग ट्रेन की आवाज नहीं सुन पाए। घटनास्थल पर 100 से 150 मीटर के दायरे में लाशें बिखरी हैं। मौके पर एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू अभियान में जुटी है।
हादसे के बाद चली गईं नवजोत कौर सिद्धू : लोगों का कहना है कि दशहरा का कार्यक्रम कांग्रेसी पार्षद करा रहे थे। इस कार्यक्रम में नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू चीफ गेस्ट थीं। हादसा होने के बाद वे मौके से चली गईं।
सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल खुले रहेंगे : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कहा- अमृतसर में रेल दुर्घटना की खबर सुनकर मैं चौंक गया। सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को खुले रहने को कहा गया है। हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए दिए जाएंगे।
पीएम मोदी ने तुरंत मदद करने के निर्देश दिए : अमृतसर ट्रेन हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह हृदय विदारक हादसा है। हादसे में अपनों को खोने वाले लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। प्रार्थना करता हूं कि घायल हुए लोग जल्द ठीक हो जाएंगे। अधिकारियों को जरूरत के मुताबिक तुरंत सहायता देने के निर्देश दिए गए हैं।
बिना इजाजत हो रहा था कार्यक्रम : लोगों का कहना है कि जोड़ा बाजार में रावण दहन का कार्यक्रम बिना इजाजत हो रहा था। इस मामले में जिला प्रशासन और दशहरा कमेटी ने पूरी तरह लापरवाही बरती। कार्यक्रम को देखते हुए उन्हें रेलवे क्रॉसिंग के पास अलार्म की व्यवस्था करनी चाहिए थी। इसके अलावा ट्रेन को रोकने या गति धीमी रखने का इंतजाम होना चाहिए था।
क्या हमने लोगों पर ट्रेन चढ़ा दी? : नवजोत कौर सिद्धू का कहना है कि हर साल इसी जगह दशहरा होता है। क्या हमने लोगों को ट्रैक पर बैठाया? क्या ट्रेन हमने लोगों पर चढ़ा दी? इस हादसे में हमारी गलती नहीं है। भाजपा भी इसी जगह दशहरा आयोजन कराती थी। अब हादसे के बाद राजनीति कर रही है। रेलवे को भी ट्रेन की स्पीड धीमी रखनी चाहिए थी।