अलवर. कभी नियम कायदे की आड़ तो कभी किसी बहाने से प्राथमिकी दर्ज करने में आनकानी करना पुलिस की पुरानी फितरत है। अलवर पुलिस को इसी ‘फितरत को लेकर फटकार खानी पड़ी।
हुआ यूं कि अलवर कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल बुधवार रात तिजारा में दुष्कर्म की शिकार बच्ची (5) के हाल जानने यहां जनाना अस्पताल पहुंचे। कलक्टर को पता चला कि पीडि़ता की पहचान नहीं होने के कारण पुलिस ने मामला ही दर्ज नहीं किया।
इस पर कलक्टर ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, मैं हूं बच्ची का गार्जियन, तुरंत एफआईआर दर्ज करो। साथ ही डॉक्टरों को बच्ची की बेहतर इलाज व देखभाल करने की हिदायत दी। साथ ही चेताया-मैं कभी भी बच्ची की तबीयत जानने आ सकता हूं। बोले-बच्ची की देखरेख में एक कर्मचारी लगाया जाए।
तिजारा पुलिस के अनुसार, बुधवार दोपहर 3.30 बजे किशनगढ़बास-कोटकासिम रोड पर गहनकर गांव के पास ग्रामीणों ने सड़क किनारे खून से लथपथ पांच वर्षीय बच्ची को अचेत देखा।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को तिजारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां हालत बिगडऩे पर उसे अलवर के जनाना अस्पताल रैफर कर दिया है।
जनाना अस्पताल की डॉ. कल्पना माथुर ने कहा, पीडि़ता की जांच करने वाली डॉक्टर ने बताया कि बच्ची के शरीर पर चोट के निशान हैं। गुप्त अंगों पर भी चोट है। इससे साफ है कि पीडि़ता के साथ दुष्कर्म हुआ है।
केवल दादा-पिता का नाम बता पाई
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार होश में आने पर बच्ची काफी सदमे में थी और कुछ भी बताने में असमर्थ थी। प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची पुलिस को केवल अपने पिता व दादा का नाम ही बता पाई है लेकिन उसके परिजनों का पता नहीं चला। पुलिस दुष्कर्म को अंजाम देने वाले और बच्ची के परिजनों का पता लगा रही है।