उदयपुर । भ्रष्टाचार निवारण मामलात के विशेष न्यायालय द्वारा डेयरी चेयरमेन गीता पटेल के पक्ष में एसीबी द्वारा दी गयी खारिज किये जाने और मुकदमा चलाये जाने के आदेश के बाद भी तीसरी बार गीता पटेल सरस डेयरी की चेयरमेन चुन ली गयी। यह भी भाग्य रहा की १२ डायरेक्टर्स में से कोई भी कांग्रेस समर्थक नहीं था इसीलिए किसी ने आपत्ति नहीं कि और बाहर वालों की आपत्ति चुनाव अधिकारी ने मान्य नहीं की।
तीन साल पहले १० हज़ार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकडे जाने के बावजूद मंगलवार को गीता पटेल तीसरी बार सरस डेयरी की चेयरमेन बन गयी। भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त गीता पटेल के केस की सोमवार को ही एसीबी ने कोर्ट में दूसरी बार एफआर लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने खारिज कर खुद प्रसंगान लेते हुए उनपर मुकदमा चलाये जाने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के इस फेसले के बाद माना जारहा था कि मंगलवार को सरस डेयरी के होने वाले चुनाव में भाजपा गीता पटेल को अध्यक्ष पद की दावेदार करने की इजाजत नहीं देगी, क्यूँ कि गीता पटेल को कोर्ट ने जिन धाराओं भ्रनिअ ८ व् ९ के तहत दोषी माना है, उसमे पांच साल की सजा का प्रावधान है। लेकिन सुबह सारे नियम कायदे धरे के धरे रह गए और १२ सदस्यों में गीता पटेल ने ही अध्यक्ष पद के लिए पर्चा भरा और निर्विरोध अध्यक्ष चुन ली गयी।
चुनाव अधिकारी अश्विन वशिष्ठ के अनुसार निदेशक मंडल के १२ सदस्यों में से सिर्फ गीता पटेल ने ही अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया था और सुबह ११.३० बजे तक आपत्तियों का समय था लेकिन १२ सदस्यों में से किसी सदस्य ने भी कोई आपत्ति नहीं की इसलिए गीता पटेल को निर्विरोध अध्यक्ष घोषित किया गया । हालाँकि सरस डेयरी के पूर्व चेयरमेन जग्गाराम पटेल आपत्ति करने के लिए पहुचे थे लेकिन चूँकि वह निदेशक मंडल के १२ सदस्यों में नहीं थे इसलिए उनकी आपत्ति मान्य नहीं हुई।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम २००१ तथा सेक्शन २८ के अनुसार भ्रष्टाचार की पीसी एक्ट ८,व् ९ सहकारी समितियों के चुनावों पर लागू नहीं होती है, इसीलिए गीता पटेल का नामांकन खारिज नहीं किया जा सकता था । गीता पटेल ने चेयरमेन चुने जाने के बाद कहा कि मुझपर अभी आरोप साबित नहीं हुआ है । अगर यहां की कोर्ट मुझे आरोपित करती भी है तो में हाईकोर्ट जाउंगी ।
यह था भ्रस्टाचार का मामला :
एसीबी ने २९ जून २०१२ को संदीप लक्ष्कार से १० हज़ार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में सरस डेयरी की चेयरमेन गीता पटेल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था । आरोपों के अनुसार पटेल ने आबंटन के एवज में 10 हजार रुपए मांगे थे। संदीप ने इसकी शिकायत एसीबी उदयपुर में की थी। उदयपुर एसीबी टीम ने रिश्वत की मांग टेप कराई गई थी, और संदीप से रिश्वत लेने के आरोप में गीता को एसीबी टीम ने पानेरियों की मादड़ी स्थित मयूर काम्पलेक्स में उनके घर से गिरफ्तार किया था।
कांग्रेस के धुरंधर साबित हुए फिसड्डी :
उदयपुर में जिले में संगठन के इतने धुरंधर कांग्रेसी नेता बैठे है, लेकिन इन्होने ११ डेयरी सदस्यों में एक भी जगह किसी कांग्रेसी को सदस्य के लिए फ़ार्म तक नहीं भरवाया ना ही किसी को सदस्य का नामांकन भरने के लिए प्रेरित किया । कई निचले स्तर के नेताओं ने इस बात पर रोष भी जाहिर किया उनका कहना है, कि प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने पहले ही सभी जिलाध्यक्षों को निर्देशित किया था, कि उनकी जिम्मेदारी है सभी चुनावों में अपने कार्यकर्ताओं को और योग्य उम्मीदवारों को चुनाव लड़वाना । लेकिन पायलट के निर्देशों का कही पालन नहीं हो रहा है । चेयरमेन के पद की दावेदारी तो बहुत दूर की बात है ११ सदस्यों के चुनाव में किसी जगह किसी कांग्रेसी इ नामांकन तक नहीं भरा ।