उदयपुर। सदर थाना क्षेत्र के सेंती इलाके में शादी करने से इनकार करने पर एक बेटी की उसके पिता ने गोली मारकर हत्या कर दी। बाद में स्वयं ने भी कमरे में बंद होकर स्वयं को गोली मार ली। इस वारदात ने पूरे चित्तौड़ शहर को हिलाकर रख दिया है। वारदात के बाद भारी संख्या में सेंती इलाकें में लोग एकत्र हो गए। सूचना पर एसपी प्रसन्न खमेसरा और सदर थाना सीआई दिनेशसिंह सुखवाल जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दोनों शवों को हॉस्पीटल मेें रखवाया है, जहां पोस्टमार्टम की कार्रवाई चल रही है। रिटायर्ड फौजी के परिवार में अब उसकी पत्नी ही बची है, जो अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है।
सूत्रों के अनुसार सेंती इलाके में उदयपुर-चित्तौड़ रोड पर विजन कॉलेज के पास रहने वाले घीसूसिंह चूंडावत (६५) पुत्र गजूसिंह ने उसके मकान में १२ बोर बंदूक से बेटी आशाकुंवर (२१) के सिर में गोली मार दी। इससे आशाकुंवर के नाक के ऊपर की खोपड़ी उड़ गई। बेटी की हत्या करने के बाद घीसूसिंह दूसरे कमरे में गया और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। इस दौरान उसकी पत्नी रसोई में काम कर रही थी। गोली की आवाज आने के बाद उसकी पत्नी बाहर निकली, जो बेटी की लाश देखकर बेसुध हो गई। इसी बीच घीसूसिंह ने गर्दन के नीचले भाग पर बंदूक की नली लगाकर खुद को गोली मार दी। इससे उसकी भी खोपड़ी उड़ गई और छत खून से लाल हो गई। कमरे में मांस के लौथड़े बिखर गए। घीसूसिंह के मकान में गोली चलने की आवाज सुनते ही पड़ोसी वहां एकत्र हो गए। कुछ ही देर में इस वारदात की सूचना शहर के कौने-कौने में पहुंच गई। घीसूसिंह के मकान के बाहर काफी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलने एसपी प्रसन्न कुमार खमेसरा मौके पर पहुंचे। दोनों शवों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पोस्टमार्टम की कार्रवाई चल रही है। पता चला है कि घीसूसिंह ने आशाकुंवर के लिए समाज का एक लड़का ढूंढा था, लेकिन आशाकुंवर ने शादी करने से इनकार कर दिया। पिछले कुछ समय से परिवार में इस बात को लेकर झगड़े हो रहे थे।
आज सुबह गुस्से में घीसूसिंह ने बेटी की हत्या के बाद स्वयं को भी गोली मार दी, जिससे उसकी भी मौत हो गई। उल्लेखनीय है कि घीसूसिंह २० साल पहले मिलेट्री से रिटायर्ड हुआ था। उसके बाद वह बिड़ला सीमेंट फैक्ट्री में गार्ड का काम करता था। मूल रूप से घीसूसिंह गंगरार तहसील के साड़ास गांव का रहने वाला है। पुलिस ने मृतक घीसूसिंह के छोटे भाई छोटूसिंह की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
दोनों कमरे में पसर गया खून : घीसूसिंह ने जैसे ही १२ बोर बंदूक से बेटी आशाकुंवर के सिर में गोली मारी, तो उसकी नाक के ऊपर की खोपड़ी उड़ गई। कमरे में सभी तरफ खून पसर गया और मांस के लौथड़े बिखर गए। कमरे की छत तक खून से लाल हो गई। इसके बाद घीसूसिंह ने स्वयं को दूसरे कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद घुटने के बल बैठकर ढूडी के नीचे बंदूक की नली लगाकर गोली चला दी, जिससे उसकी भी खोपड़ी उड़ गई। इससे कमरे की छत और दीवारे खून से लाल हो गई और मांस के लौथड़े दीवारों से चिपक गए।
वर्जन…
घटनास्थल का मौका मुआयना किया गया। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। अनुसंधान जारी है।
-प्रसन्न खमेसरा, एसपी चित्तौडग़ढ़