Udaipur Post . बीते रविवार को फतहसागर छलकने को लेकर शहरवासियों का उत्साह चरम पर है और हमेशा से रहा है और कई कई दिन तक बहते झरने को देखने के लिए शहरवासियों के साथ साथ पर्यटकों का भी रेला लगा रहता था परन्तु अभी कोरोना के कारण न पर्यटक ज्यादा आ रहे है और न ही स्थानीय लोग भी ज्यादा आ प् रहे है परन्तु फिर भी लोग थोड़ी थोड़ी संख्या में लगातार पहुंच रहे है। लेकिन अगर आप वहां जाये और झरना दिखे तो निराशा होना स्वाभाविक है ऐसा ही कुछ बुधवार को हुआ दरअसल फतहसागर के गेट बंद करने से बेखबर कई लोग बुधवार को झरना देखने पहुंचे, लेकिन मायूस हुए। जल संसाधन विभाग ने मंगलवार रात 11 बजे एकाएक गेट बंद कर दिए थे। इसका जम के विरोध हुआ और जागरूक लाेगाें के विरोध और सवाल उठाने पर विभाग भी बैकफुट पर आ गया। लाेगाें का कहना था कि फतहसागर के गेट बंद कर मदार तालाब का पानी चिकलवास पिकअप वियर छलकाकर उदयसागर ले जानेे की मंशा है जिसका कोई तुक नहीं है।
यह पानी मदार नहर होकर फतहसागर आएगा ताे निकास बना रहने से झील का पानी साफ होगा और झरने से पर्यटन काे भी फायदा हाेगा। आखिरकार शाम करीब 7 बजे झील के चाराें गेट फिर से खाेलने पड़े।इससे सभी में ख़ुशी का माहौल है और उदयपुर वासियो के मन का सागर यानि की फतेहसागर फिर से छलक पड़ा |
आखिर… 17 घंटे बाद ही दोबारा खोलने पड़े झील के चारों गेट
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