उदयपुर । पंचायत चुनाव में दसवीं पास की बाध्यता के चलते पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य का पर्चा दाखिल करने वाले अधिकांश अनपढ़ नेता प्रशासन द्वारा बिछाए गए जाल में फंस गए हैं। कांग्रेस देहात जिलाध्यक्ष लालसिंह झाला के बेटे अभिमन्युसिंह झाला सहित कई नेताओं के पर्चें खारिज कर दिए गए हैं। पता चला है कि जिन नेताओं ने उदयपुर से बाहर का रास्ता कभी नहीं देखा, वे भी यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश से दसवीं की मार्कशीटें बनवाकर ले आए हैं। अनपढ़ नेताओं द्वारा की गई इस जालसाजी को लेकर प्रशासन पूरी तरह से मुश्तैद रहा, लेकिन एक दिन में सबके खिलाफ जांच संभव नहीं है। इसलिए प्रशासन ने आम जन से चुनाव मैदान में उतरे नेताओं के खिलाफ भी शिकायतें (यदि हो तो) आमंत्रित की है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा पंचायत चुनाव में सरपंच के लिए आठवीं और पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए दसवीं उत्तीर्ण अनिवार्य कर देने के बाद कई दावेदारों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई। सूत्रों के अनुसार जिले में दोनों पार्टियों के कई उम्मीदवार ऐसे हैं, जो जुगाड़कर दसवीं की मार्कशीट दूसरे राज्यों से बनवाकर लाए हैं। यह कार्य दलालों के जरिये कराया गया।
अमान्य मार्कशीट से पर्चा खारिज : जिला परिषद सदस्य और पंचायत समिति सदस्यों के नामांकन जांच के बाद कांग्रेस के देहात जिलाध्यक्ष लालसिंह झाला के पुत्र अभिमन्युसिंह झाला का पर्चा अन्य प्रदेश कौंसिल ऑफ सैकंडरी एज्यूकेशन, मोहाली (पंजाब) की दसवीं की अमान्य मार्कसीट के कारण खारिज हो गया। उन्होंने गोगुंदा से पंचायत समिति सदस्य के लिए पर्चा भरा था। इसी तरह गोगुंदा में वार्ड 11 से प्रत्याशी ललिता की जामिया उर्दू स्कूल अलीगढ़ की दसवीं की मार्कशीट को भी अमान्य करते हुए पर्चा निरस्त कर दिया।
प्रशासन के पास मान्यता प्राप्त शिक्षण संथाओं की लिस्ट है, जिसके आधार पर मार्कशीट का आकलन किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार जिले में ऐसे कई महिलाएं और पुरुष उम्मीदवार है, जिन्होंने बाहर के राज्यों की दंसवीं की मार्कशीट लगाई है।
प्रशासन के पास जांच का समय नहीं : नामांकन पत्रों की जांच प्रशासन कर रहा है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि एक दिन में सभी नामंाकन पत्रों की जांच कैसे हो? ऐसे में प्रशासन की तरफ से पंचायत चुनाव में झूठी जानकारी देकर चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों के खिलाफ शिकायतें आमंत्रित की गई है, ताकि उनके खिलाफ चुनाव बाद भी कार्रवाई की जा सके। अगर किसी ने फर्जी मार्कशीट लगाई है, तो इसके लिए शिकायतों को आधार बनाकर शिक्षा विभाग द्वारा जांच करवाई जाएगी और प्रत्याशी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ये हो सकती है कार्रवाई : चुनाव अधिकारी के अनुसार अगर फर्जी मार्कशीट से कोई व्यक्ति चुनाव जीत भी जाता है और कोई उसकी शिकायत करता है, तो मार्कशीट की संबंधित बोर्ड से जांच करवाई जाएगी। फर्जी पाई जाने पर निर्वाचन रद्द हो सकता है व आपराधिक मुकदमा भी दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी।
॥हमारे पास मान्यता प्राप्त और अधिकृत बोर्ड, जिसको राजस्थान बोर्ड ने अधिकृत कर रखा है, स्वीकृति दे रखी है, उनकी लिस्ट है। उसके आधार पर जांच की गई। यदि इसके अलावा किसी उम्मीदवार की कोई शिकायत करता है या आपत्ति जताता है, तो उसकी जांच भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा करवाई जाएगी और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-आशुतोष पेढणेकर, जिला कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी