उदयपुर. उदयपुर. शहर के प्रतापनगर चौराहा पर शनिवार आधी रात बाद मौत फिर मंडराई। स्लीपर कोच एवं ट्रक की भिड़ंत में एक यात्री की मौत हो गई, चालक और खलासी गम्भीर घायल हो गए। बस में लगभग 20 यात्री सवार बताए गए। इन सभी को चोटें आई। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और भारी भीड़ जमा हो गई। पुलिस के अनुसार बस शहर से सुंदरवास होते हुए जयपुर की ओर जा रही थी और ट्रक आपणी ढाणी की ओर से आ रहा था। दोनों की गति तेज थी, जिससे ब्रेक नहीं लग पाए और बस के पिछले हिस्से से ट्रक टकरा गया। इससे बस पलट गई और यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। एक यात्री फाटक से गिरकर बस के नीचे दबकर बुरी तरह कुचल गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसका शव इतना बिखर गया कि उठाने की भी स्थिति नहीं रही। हादसा देख आसपास से लोग दौड़े आए और वहां से गुजरते ट्रकों व अन्य वाहनों से भी लोग मदद के लिए पहुंचे। पुलिस ने भी पहुंचकर तुरन्त यात्रियों को निकालना शुरू कराया।
प्रतापनगर में भीषण हादसा 1 की मौत 20 घायल – मच गयी चीख पुकार
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बस-ट्रक भिडं़त के बाद आसपास से दौड़े आए लोग ज्योंही बस के समीप पहुंचे, हालत देख कांप उठे। यात्री सीटों और स्लीपर कोच से उछलकर यहां-वहां गिर पड़े थे। बुरी तरह कुचलने के कारण एक यात्री का शव पिचका पड़ा था। भीतर फंसे यात्रियों में बुरी तरह चीख-पुकार मची थी।
एक-एक कर निकाले यात्री
पुलिस ने बताया कि बस पंजाब-रूद्राक्षी ट्रेवल्स की थी, जो अहमदाबाद से उदयपुर आई थी। बस फुल एसी, नई थी और पहले ट्रिप पर निकली थी। जयपुर से अहमदाबाद जाने के बाद वापस जयपुर लौट रही थी। डेढ़ घंटा लेट आई बस यहां यात्रियों को उतारकर जयपुर के लिए रवाना हुई थी।
हादसे के वक्त लगभग 20 यात्री सवार थे, जिनमें से ज्यादातर उदयपुर से बैठे थे। इनमें अनेक महिलाएं भी थीं। हादसे के बाद लोगों ने तुरन्त बस के कांच तोड़कर एक-एक कर यात्रियों को बाहर निकाला।
पांव फंसा, क्रेन की मदद से आया बाहर
लोगों की खासी मशक्कत के बावजूद पांव फंसने के कारण बस के ऐन बीच में अटके यात्री को नहीं निकाला जा सका। एक यात्री केबिन में फंसा हुआ था। बाद में पुलिस ने दो क्रेनों की मदद से बस को उठाकर इन यात्रियों को बाहर निकाला। बस के चालक व खलासी भी गम्भीर घायल हो गए, जिन्हें एमबी अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया।
बच्चा भीतर फंसा, चीखती रही मां
बस पलटने के कारण एक महिला की गोद से उछला उसका 2 साल का बच्चा इधर-उधर हो गया, जो अनेक यात्रियों के निकलने के बावजूद बाहर नहीं आया। बाहर निकली उसकी मां अपने बच्चे को गुम देख चीख पड़ी। उसकी चीख-पुकार सुन लोगों ने खासी मशक्कत के बाद बच्चे को ढंूढा और बाहर निकाला। उसे देख मां की जान में जान आई।
सबको आईं चोटें
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यात्रियों में से कुछ सीटों और कुछ स्लीपरों में सवार थे। लगभग सभी यात्रियों को चोटें आईं और एम्बुलेंस के जरिये सभी को एमबी अस्पताल भेजा गया। इस दौरान एम्बुलेंस बार-बार चक्कर लगाती रही।
भागा ट्रक चालक
हादसे में ट्रक की केबिन पिचक गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रक चालक-खलासी हादसे के बाद भाग छूटे।
जुटी परिजन-परिचितों की भीड़
हादसे की सूचना पाकर कुछ ही मिनट में मौके पर यात्रियों के परिजनों और परिचितों की भीड़ जुट गई। लोग बेसब्री से अपनों को ढंूढते रहे। ज्यों-ज्यों बस से यात्री निकले गए, परिजन-परिचित उन्हें संभालकर एम्बुलेंस से अस्पताल भेजते रहे। कुछ अपने चौपहिया वाहनों में घायलों को अस्पताल ले गए।
चौराहा हुआ जाम, लगी वाहनों की कतारें
हादसे के बाद पुलिस ने तत्परता से मोर्चा संभाला। चौराहा पर जयपुर रोड से आए और बलीचा बाइपास सहित शहर की ओर से जयपुर रोड पर जाते वाहनों को जहां का तहां रोक दिया गया। ऐसे में तीनों ओर वाहनों की लम्बी कतारें लग गई।
फिर उबले लोग
हादसे के बाद दौड़कर आए लोग तुरन्त राहत में जुटे लेकिन रोष भी जताते रहे। लोगों का कहना था कि पिछले छह माह में ही यह चौथा बड़ा हादसा है। स्पीड ब्रेकर, संकेतक और अन्य व्यवस्थाएं नहीं होने के कारण यहां आए दिन वाहन आपस में भिड़ते हैं। इसके बावजूद पुलिस-प्रशासन गम्भीर नहीं है।
ये हुए घायल
अस्पताल सूत्रों के अनुसार घायलों में महावीर (22), सोनम (43), लक्ष्मणसिंह (22), सोनू जाट (24), आर्य (14), बनवारी (28), फिरोज (36), आदित्य (19) व 42 वर्षीय एक अज्ञात व्यक्ति शामिल हैं। रात 2 बजे बस के परिचालक बनवारी ने बताया कि बस करणसिंह चला रहा था। उसने सफेद जूते पहने थे, जो मौके पर पड़े मिले। हालांकि शव की शिनाख्त नहीं हो पाई।