मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने बुधवार को गुजरात के विवादित आईपीएस अधिकारी अभय चुडासमा के ख़िलाफ़ लगे सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया है.
कुछ महीने पहले ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को भी इस मामले में आरोपमुक्त कर दिया गया था.
चुडासमा अमित शाह के बेहद करीबी माने जाते थे और नरेंद्र मोदी की गुजरात सरकार में अपने कार्यकाल के दौरान विवादों में घिरे रहे.
सीबीआई ने इन्हें सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार किया और इन पर कई संगीन आरोप लगाए थे.
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा था की शाह ने सोहराबुद्दीन का फ़र्ज़ी एनकाउंटर करने के लिए डीजी वंजारा और चुडासमा को आदेश दिया था.
2005 में सोहराबुद्दीन अपनी पत्नी के साथ बस में हैदराबाद से सांगली जा रहे थे, आरोप है कि तब गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने दोनों का पहले अपहरण किया और फिर कथित तौर पर फर्ज़ी मुठभेड़ में उनकी हत्या कर दी.
आरोप
तक़रीबन साल भर बाद दिसंबर में मामले के गवाह तुलसीराम प्रजापति की भी कथित फर्ज़ी मुठभेड़ में हत्या कर दी गई
सीबीआई ने यह भी आरोप लगाए थे कि वह सोहराबुद्दीन के साथ एक जबरन पैसा वसूली का रैकेट चलाते थे.
लेकिन गिरफ़्तार होकर भी किसी न किसी तरकीब से चुडासमा ज़्यादा समय अस्पताल में ही बिताते थे.
पिछले साल अप्रैल में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई. जमानत के कुछ ही महीने बाद उन्हें गुजरात पुलिस में शामिल कर लिया गया और पुलिस महानिदेशक के विजिलेंस विभाग का मुखिया बना दिया गया.
मुंबई की अदालत ने इसी सप्ताह इस केस से जुड़े बिजनेसमैन अजय पटेल पर भी लगे सभी आरोप ख़ारिज कर दिए थे.
पटेल, शाह के बेहद करीबी दोस्तों में से एक है.
सोहराबुद्दीन मामले में एक और क्लीन चिट
Date: