[quote_right]जिन रसूखदारों पर यु.आई.टी. और नगर निगम के अधिकारी सालों से कोई कार्यवाही नहीं कर सके उन पर दबंगता से कार्यवाही की “राजेन्द्र प्रसाद गोयल” ने [/quote_right]उदयपुर, भ्रष्ट हो चुके नगर निकायों की शिकायते सुन सुन कर आखिर कार एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने अपनी टीम के साथ खुद ही अवेध निर्माणों के खिलाफ अभियान छेड़ और निर्माण निषेध क्षेत्र में बड़े बड़े रसूखदारों के निर्माण पर दबंगता से कार्यवाही की ।शुक्रवार को अवैध निर्माण के विरुद्ध एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल और उनकी टीम ने जो कार्यवाही की वह असल में करनी यु.आई.टी. को चाहिए थी लेकिन यु.आई.टी. में अधिकारीयों की और अवैध निर्माणकर्ता की मिलीभगत के चलते यह कदम ए.सी.बी. ने उठाया ।
लाख नोटिसों और हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी रसूखदार लोग बिना किसी डर के धड़ल्ले से काम करते है । यु.आई.टी. और नगर निगम के अधिकारी छोटे मोटे निर्माण को तौड कर वाह वाही बटोर लेते है लेकिन इन धन्ना सेठों के बड़े बड़े चल रहे अवैध निर्माणों के आगे से रोज़ आँखे बंद कर निकल जाते है । इतने बड़े निर्माण बिना बड़े बड़े अधिकारीयों की मिलीभगत के संभव नहीं है । और इसी वजह से राजेन्द्र गोयल ने दबंगता दिखाते हुए अपना डंडा इन रसूखदार के आलिशान बंगलों पर चला दिया ।
शुक्रवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम ने शहर के चार प्रमुख अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्यवाही की जिसमे से तीन निर्माण हाईकोर्ट की अवमानना करते हुए झील निर्माण निषेध क्षेत्र में हो रहे थे इस सन्दर्भ में ब्यूरो ने यु.आई.टी. से सम्बंधित दस्तावेज तलब किये ।
दोपहर बाद चली भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्यवाही दो टीमों द्वारा चार जगह अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्यवाही की गयी जिसमे साइफन चौराहे पर साधना अपार्टमेंट में कार्यवाही की जिसमे ब्यूरो के डिप्टी राजीव जोशी ने बताया की यह निर्माण सुरेश मोदी द्वारा करवाया जा रहा है जिसकी स्वीकृति जी प्लस तीन स्टोरी और आवासीय की थी लेकिन शिकायत के बाद कार्यवाही के दौरान पाया की जी प्लस चार का निर्माण पूरा हो चूका है और स्वीकृति में आगे का सेट्बेक २० फिट छोड़ना था उसकी जगह १५ फिट छोड़ा गया है और साइड में दोनों तरफ १० फिट की जगह ७-७ फिट छोड़ा गया है । और बेसमेंट में भी पार्किंग की जगह कमरों का निर्माण हो रखा है । कार्यवाही के दौरान ब्यूरों ने नगर निगम और यु.आई.टी. के अधिकारीयों को भी बुलवा लिया था उन्होंने भी पुष्ठी की की यह तकनिकी रूप से अवैध निर्माण है । जोशी ने बताया की इसकी रिपोर्ट बना कर यु.आई.टी. के सम्बंधित अधिकारीयों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी क्यों के बिना मिली भगत के ऐसे अवैध निर्माण नहीं किये जा सकते ।
दूसरी कार्यवाही ब्यूरो की टीम ने झील निर्माण निषेध क्षेत्र हरिस्दास जी की मगरी महेश भरद्वाज के निर्माण धीन बंगले पर की जहाँ ब्यूरो की टीम को देख कर मजदूर तो भाग खड़े हुए ।होटल ट्राईडेंट की मुख्य रोड पर यह निर्माण कार्य चल रहा था मोके पर उस क्षेत्र के यु.आई.टी. के पटवारी चितरंजन शर्मा और अधिकारी मुकेश जानी को भी ब्यूरो ने बुलवाया और उनसे भी जवाब तलब किया तो उन्होंने बताया की हमने इनको कम बंद रखने के नोटिस दे रखे है लेकिन फिर भी ये काम बंद नहीं करते ।
बाकि की दो कार्यवाही ब्यूरो के स्पेशल टीम द्वारा प्रसन्न कुमार खमेसरा के नेतृत्व में की गयी जिसमे हेमंत पेरीवाल का चार मंजिला निर्माण धड़ल्ले से चल रहा था उसको रुकवाया और वही पीछे खेमराज सिन्धी के दो बड़े बड़े बंगलों के कार्य चल रहे थे जिनको रुकवा कर कार्यवाही की दोनों निर्माण झील निर्माण निषेध क्षेत्र में हाईकोर्ट का स्टे होने के बावजूद निर्माण कार्य चल रहा था ।
ए सी बी के अतिरिक्त अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया की पिछले काफी समय से झील निर्माण क्षेत्र में बड़े बड़े निर्माण निर्बाध रूप से होने की शिकायते व् अन्य कई जगह बिना परमिशन व् अवैध निर्माण होने की शिकायतें मिल रही थी जिस पर शुक्रवार को कार्यवाही की गयी और सभी शिकायते सही पाई गयी । गोयल ने बताया की चरों अवैध निर्माण पर कार्यवाही के दौरान सबंधित क्षेत्र के यु.आई.टी अधिकारीयों को बुलवाया गया और अब आगे ब्यूरो इस मामले में सम्बंधित अधिकारीयों के खिलाफ मामला दर्ज करेगी ।
गोयल ने बताया की अभी शहर में और भी ऐसे कई बड़े निर्माण है जिनकी जाँच कर सम्बंधित अधिकारीयों पर कार्यवाही की जायेगी ।