इस सेमिनार का उद्घाटन सनराईज ग्रुप ऑफ इन्सटीट्यूषन के मेनेजिंग डायरेक्टर प्रो. एम. एल. कालरा व आई.आई.टी. बम्बई से प्रो. डिंगरा ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। कॉलेज के प्राचार्य श्री गजंफ्फर अली ने सेमिनार में होने वाले तकनीकी सत्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
सेमिनार में आई.आई.टी. बम्बई, ईरान से आए विषेशज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किये। आई.आई.टी. बम्बई से प्रो. डिंगरा ने प्रथम तकनीकी सत्र में यातायात प्रणाली पर अपने विचार व्यक्त किये। मुख्यतः उन्होनें ऐसे यातायात प्रणाली पर जोर दिया जो सस्ता, आरामदायक, आसान और सुगम्य हो। प्राइवेट ट्रांसपोर्ट को नकारा तथा सार्वजनिक यातायात साधनों पर जोर दिया। पार्किंग से सम्बन्धित समस्याओं को उन्होनें सामाजिक दायित्व बताया।
सेमिनार के द्वितीय तकनीकी सत्र में सनराईज कॉलेज के प्रो. तनवीर आलम ने विजिन सॉफ्टवेयर के जरिये गुडली चौराहे पर यातायात समस्या के समाधान हेतु अपने विचार व्यक्त किये। इस सॉफ्टवेयर के एनिमेटेड विडियों के माध्यम से उन्होनें अल्पकालीन और दीर्घकालीन समाधान प्रस्तावित किये।
इस सत्र में पैनल चर्चा में हुई जिसमें यातायात, पी.डब्ल्यू.डी., नगर परिशद आदि सरकारी विभागों , ब्ज्।म् व विभिन्न इंजिनियरिंग कॉलेजों के प्रोफेसर एवं छात्रों ने अपने यातायात प्लानिंग पर अमुल्य विचार व्यक्त किये। सरकारी महकमें के आला अधिकारियों ने आई.आर.सी. कोड के बारे में जानकारी दी। सनराईज कॉलेज के विद्यार्थियों ने पोस्टर्स के जरिये गुडली तिराहे समस्या के निदान हेतु विभिन्न विकल्प प्रस्तुत किये।
इसी सन्दर्भ मे प्रोफेसर आषीश वर्मा, ने बताया कि प्लानिंग से पहले जरूरत का पता करना प्रमुख उद्देष्य होना चाहिए।
ईरान से आए विषेशज्ञ श्री अली हाकिमइलाही ने ओवरब्रिज के विपरीत अण्डरब्रिज की उपयोगिता पर प्रकाष डाला, इसका मुख्यतः उद्देष्य ईधन बचाना था।
सनराईज ग्रुप ऑफ इन्सटीट्यूषन के मेनेजिंग डायरेक्टर प्रो. एम. एल. कालरा ने यातायात समस्या के सन्दर्भ में फेकल्टी और छात्रों को इस उत्कर्श कार्य करने की प्रेरणा प्रदान की।
सनराईज ग्रुप ऑफ इन्स्टीटयूषन के डायरेक्टर श्री हरीष राजानी ने उदयपुर षहर बदहाल व्यवस्था पर रोषनी डालते हुए बताया कि उदयपुर की यातायात आज के युग के अनुसार काफी पिछडी हुई है तथा इसमें परिवर्तन एवं आधुनिकरण की सख्त जरूरत है।
सभी विषेशज्ञों तथा अफसरों ने सनराईज के इस प्रयास को सराहनीय बताया तथा इसे अधिक विस्तृत करने के लिये प्रेरित किया।