राजधानी में चलती बस में 16 दिसंबर को बलात्कारियों का शिकार हुई गैंगरेप पीड़िता की माउंट एलीजाबेथ अस्पताल, सिंगापुर में मल्टी ऑर्गन फेलियर के बाद मौत हो गई। पीड़िता की मौत के बाद देश भर में शोक की लहर दौड़ गई है। दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, नार्थ ब्लॉक और इंडिया गेट की ओर जाने वाले रास्ते बंद कर दिये गये हैं। गैंगरेप की शिकार हुई पैरा मेडिकल की छात्रा को 27 दिसंबर को सफदरजंग अस्पताल से शिफ्ट कर सिंगापुर के माउंट एलीजाबेथ अस्पताल भेज दिया गया था। अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि अब पीडि़ता को मल्टी ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है और यह सुविधा हिन्दुस्तान में नहीं है, लिहाजा इसे सिंगापुर या लंदन भेजना पड़ेगा। लेकिन सिंगापुर ले जाते वक्त विमान में ही पीडि़ता की तबियत बिगड़ गई। विमान में तबियत बिगड़ने के बाद उसे तुरंत माउंट एलीजाबेथ के आईसीयू में एडमिट कर दिया गया। अस्पताल में दो दिन तक आईसीयू में रहने के बाद आज सुबह 2 बजे उसकी मौत हो गई। इस खबर के आते ही दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की रात को ही एक बैठक बुलायी गई और सुरक्षा की समीक्षा की गई। सुरक्षा की समीक्षा के बाद दिल्ली में पहले अलर्ट जारी किया गया उसके बाद मौत की खबर तड़के मीडिया को दी गई। भारतीय दूतावास के अधिकारी टीसीए राघवन ने बताया कि उन्हें पीडि़ता की मौत पर बेहद दुख है। उसको जब यहां लाया गया था, तभी वो बेहोशी की हालत में थी। उसकी हालत बेहद गंभीर थी। 16 दिसंबर को दिये गये घाव इतने गंभीर थे, कि डॉक्टर उनसे जंग जीत नहीं पाये। यहां पीडि़ता के शव और उसके परिवार को भारत भेजने की तैयारी की जा रही है। दूतावास अधिकारी ने बताया कि उसे यहां डॉक्टरों की टीम के साथ लाया गया था, इसलिये यह कहना कि रास्ते में कुछ हुआ, गलत होगा। दिल्ली और सिंगापुर दोनों जगह के डॉक्टर पहले से ही कह रहे थे कि उसे बहुत ज्यादा घाव दिये गये थे। सिंगापुर उसे इसलिये लाया गया था, ताकि उसे अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। दूतावास के कई अधिकारी अस्पताल में पूरे समय उसके साथ रहे। यहां के कई विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उसके साथ रही। सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद युवती के शव को आज दोपहर तक भारत भेज दिया जायेगा। राघवन ने मीडिया और सरकार से अपील की कि वो परिवार के नाम को गोपनीय रखें।