सभी ओद्योगिक क्षेत्रों में स्थित जल स्त्रोतों का डाटाबेस तैयार होगा
उदयपुर, जिले में ओद्योगिक क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान एवं उनके विस्तार सहित संचालन को लेकर सोमवार को जिला कलक्टर हेमन्त कुमार गेरा की अध्यक्षता में आयोजित जिला स्तरीय आद्योगिक समिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जिला कलक्टर ने ओद्योगिक क्षेत्रों में पानी के स्त्रोंतों का डाटाबेस तैयार करन के लिए प्रदुषण नियन्त्रण मण्डल को विस्तृत सूची बनाने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने ओद्योगिक क्षेत्र गुडली, मादडी इण्डस्ट्रीज एरिया एवं कलडवास में ओद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो इसके तहत उन्होंने अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों से कहा कि वे आरएमयू के तहत विस्तृत प्रस्ताव तैयार करें। उन्होंने कहा कि यदि यह सिस्टम ओद्योगिक क्षेत्रों में लगाया जाता है तो इस पर आने वाली लागत का कुछ हिस्सा सम्बन्धित ओद्योगिक इकाईयां वहन करेगी। इकाईयों के प्रतिनिधियों ने बताया कि यदि यह सिस्टम लगाया जाता है तो उन्हें पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो सकेगी।
बैठक में बताया गया कि ओद्योगिक क्षेत्रों में यदि कोई इकाई नये विद्युत कनेक्शन के लिए आवेदन करती है तो उन्हें आवेदन पत्र के साथ प्रदूषण नियन्त्रण मण्डल द्वारा एनओसी प्रस्तुत करनी होगी। इस पर जिला कलक्टर ने कहा कि विद्युत विभाग व्यवहारिक होकर ओद्योगिक विकास में शामिल हो और वे नये कनेक्शन प्राथमिकता से जारी करें । यदि कोई ओद्योगिक इकाई स्थापित करने के पश्चात यदि कोई एनओसी उपलब्ध नहीं कराता है तो ऐसी परिस्थितियों में उसका विद्युत कनेक्शन काट सकते हैं ।
रीको भी विकास में आएगा आगे :बैठक में रीको द्वारा बताया गया कि ओद्योगिक विकास के तहत एक प्रतिशत ली जाने वाली राशि से सम्बन्धित ओद्योगिक क्षेत्रों में विभिन्न विकास के कार्य करवाये जा सकते है। इसके तहत स्कूल का निर्माण, चिकित्सालय भवन , सडक निर्माण एवं मरम्मत आदि कार्य सम्मिलित हैं । इसके अलावा फायर बिग्रेड स्टेशन निर्माण तथा फायर बिग्रेड वाहन भी रीको द्वारा उपलब्ध कराए जा सकते हैं। जिला कलक्टर ने इस अवसर पर ओद्योगिक समिति के सदस्यों को जरूरत अनुरूप प्रस्ताव बनाकर उपलब्ध कराने को कहा।