दो दिवसीय ऑल इण्डिया सी.ए. कांफ्रेंस प्रारंभ

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उदयपुर, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउण्टेंस ऑफ इण्डिया, नई दिल्ली के अध्यक्ष सी.ए. जयदीप एन.शाह ने कहा कि आई.सी.ए.आई. पूरे देश के २ लाख से अधिक सदस्यों व १० लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के साथ-साथ १२७ देशों में अपनी शाखाओं के साथ भारत का सबसे बडा इंस्टीट्यूट है। विद्यार्थियों को चार स्तर पर शिक्षा एवम् व्यवहारिक ज्ञान देने वाला अनूठा संस्थान है। इसमें विद्यार्थियों को पढाई एवम् परीक्षा द्वारा ज्ञानवर्धन, वरिष्ठ सी.ए. सदस्य के संस्थान में आर्टिकलशिप के व्यवहारिक ज्ञान, ओरिटेंशन कार्यशाला, कम्प्यूटर से तकनीकी ज्ञान व व्यक्तित्व विकास की १५ दिवसीय कार्यशाला से परांगत बनाया जाता है।

शाह यहां सेक्टर १४ स्थित आई.सी.ए.आई. की भवन में आयोजित दो दिवसीय ऑल इण्डिया सी.ए. कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र में अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे। उन्होंने नरेगा, पंचायतीराज व अन्य सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन व पारदर्शिता के लिये अनिवार्य अंकेक्षण को लागू करने की आवश्यकता बताई। कांप्रे*स में पूरे देश के ७०० से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे है। आरंभ मेें सी.ए. शाह व अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कांप्रे*स का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में ई.एस.बी. अध्यक्ष सी.ए. के. रघु (बेंगलौर) ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सी.ए. सदस्यों को विभिन्न एथिक्स नियमों के प्रति जागरूक बनाने हेतु किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। उद्घाटन सत्र के आरंभ में आई.सी.ए.आई. की उदयपुर शाखा के अध्यक्ष सी.ए. गौरव व्यास ने अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए शाखा की गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यऋम का संचालन सी.ए. देवेन्द्र पुंजावत ने किया जबकि स्थानीय शाखा सचिव सी.ए. दीपक एस. ने सभी का आभार जताया।

प्रवक्ता सी.ए. मुकेश बोहरा ने बताया कि प्रथम दिन आयोजित तकनीकी सत्रों के पहले सत्र में मुख्य वक्ता आई.सी.ए.आई. के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सी.ए. एन.पी. गुप्ता ने सी.ए. प्रोफेशन में भविष्य के अवसर व प्रभावशीलता विषय पर विवेचना की। द्वितीय सत्र में मुख्य वक्ता ई.एस.बी. के अध्यक्ष सी.ए. के रघु ने सदस्यों द्वारा समय समय पर पूछे गये जिज्ञासु प्रश्नों के संस्थान की नियमावली के अनुसार समाधान प्रस्तुत कियें। तृतीय सत्र में मुख्य वक्ता कांप्रे*स निदेशक सी.ए. रवि होलानी (ग्वालियर) द्वारा सेवा कर के नये प्रावधानों की विस्तृत विवेचना की गयी तथा चतुर्थ सत्र में भारतीय लेखा मानक-वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मुख्य वक्ता पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सी.ए. एन.पी. शारदा ने वर्तमान अर्थव्यवस्था अन्तर्राष्ट्रीय अंकेक्षण परिवेश में नवीनतम परिवर्तनों से प्रतिभागियों को अवगत कराते हुए उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया।

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