बहिनों ने भाईयों की कलाई पर बांधी राखी
उदयपुर, भाई बहन के पवित्र रिश्ते को धागों से मजबूत करने का पर्व गुरूवार को हर घर में खुशी-खुशी मनाया गया। सजी-धजी बहिनों ने अपने भाइयों की कलाई पर रंग बिरंगी राखी बांध व मस्तक पर तिलक लगा मुंह मीठा करवाकर अपने भाइयों से उपहार के साथ रक्षा का वचन लिया ।
गुरूवार का दिन पूरी तरह बहनों को समर्पित रहा। सुबह से ही बहन अपने भाई के लिए सज धज कर तैयार हो गई और शुभ मुहूर्त में अपने भाइयो की कलाई पर राखी बांधी और बदले में अपने भाइयों से रक्षा वचन के साथ अपनी पसंद के उपहार भी लिए । बाहर नौकरी पेशा या पढाई करने वाले भाई राखी के लिए घरों में पहुंचे तो उन घरों की रौनक और भी ब$ढ गयी।
हर बहन अपने भाई को राखी बंधने के लिए आतुर दिखी और इसी के चलते शहर के बाजारों बापू बाजार , सूरजपोल, देहलीगेट, धान की मंडी, सर्राफा बाजार, मालदास स्थित झीणीरेत चौक आदि में गहमा गहमी दिखी। सजी-धजी बहनों की भी$ड मिठाइयों व श्रीप*ल की दुकानों पर रही ।
श्रीफल के भाव मंदी में दुगुने रहे वही मिठाइयों की दुकान पर भी खासी भी$ड रही विधि माप विज्ञान विभाग द्वारा कई दुकानों पर मिठाई के साथ डिब्बा न तुले इसलिए निगरानी भी राखी गयी और कई दुकानदारों को पाबंद भी किया। मंदिरों, देवालयों में भी चहल पहल रही सभी देव प्रतिमाओं को रक्षा सूत्र बंधे गए, श्रावणी पूर्णिमा होने से यज्ञो पवित्रधारियों ने दूध तले फतहसागर पिछोला के प्रमुख घाटों पर विशेष आयोजन के साथ परंपरा अनुसार पवित्र सनान किये गए ।
जेल में भी बनी राखी : सेन्ट्रल जेल में बंद बडे-बडे कुख्यात कैदीी भी आज के दिन सुबह से अपनी बहनों का इंतजार करते दिखे जेल के बाहर भी यही आलम था सुबह से बहिनों की भी$ड जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधने को तैयार ख$डी थी भाई चाहे अपराधी सही लेकिन है तो बहनों का भाई अपने भाई के लिए जेल से जल्दी छुटने की दुआओं के साथ कई बहनों ने बंद जेल में अपने भाइयों को राखी बांधी। जेल में कई कैदी भाई खुश थे तो कई कैदी सुबह से अपनी बहन का इंतजार करते दिखे और शाम तक नहीं आने पर उनके चैहरे पर कुछ उदासी झलक आई इस मौके पर जेल प्रबंधन ने बहिनों की सुविधा के लिए खास प्रबंध किये थे।