आवश्यक दस्तावेज देने के एवज में मांगी राशि
उदयपुर, । भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों टीम ने चिकित्सकों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने विदेश जाने के लिए आवश्यक दस्तावेज देने के एवज उनके परिचित से ७५०० रूपये रिश्वत लेते आर एन टी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य कार्यालय के कनिष्ठ लिपिक को गिरफ्तार किया।
ब्यूरों के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि ३० जुलाई को उदयपुर निवासी अख्तर हुसैन ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश जाने के इच्छुक भाई की पत्नी डॉ छवि कौशिक पत्नी सिकदात हुसैन के अलावा राजीव पारिंजा व उसकी पत्नी वैशाली सिन्हा को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध करवाने के एवज आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य कार्यालय में कार्यरत कनिष्ठ लिपिक माही सरोवर नगर बॉसवाडा हॉल पंचवटी निवासी मानदाता सिंह पुत्र सुरेन्द्र सिंह ब्राह्मण के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत की। जिसका सत्यापन करने के बाद योजनानुसार मंगलवार सवेरे अख्तर हुसैन ने कार्यालय जाकर रिश्वत की राशि दी। इसका इशारा मिलते ही मौके पर मौजूद ब्यूरों के सीआई सुन्दरलाल सोनी, कास्टेबल अख्तर खॉ, जितेन्द्र सनाढ्य , मोहम्मद मुनिर, हेमन्त कुमार राजपुत, रामअवतार, दिनेश मय टीम ने कनिष्ठ लिपिक मानधाता सिंह को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर दस्तावेज कब्जे में लिये।
डॉ छवि, डॉ राजीव परिंजा व उनकी पत्नी वैशाली सिन्हा ने आरएनटी मेडिकल कॉलेज से एम.बी.बी.एस. किया था तथा वर्तमान में इग्लेण्ड में कार्यरत है। तीनों अमेरिका कनाडा में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाना चाहते है। इसके लिए वहां की सरकार को भेजने के लिए स्थानीय कार्यालय के प्रमाणपत्रों की आवश्यकता थी। इस संबंध में राजीव ने मोबाइल पर आरोपी से सम्पर्क साधकर ३० जून को आर एन टी मेडिकल कॉलेज नियंत्रक एवं प्राचार्य को मेल भेज कर मित्र को आरोपी से मिलने को कहा इस पर मिलने पर अख्तर से आरोपी ने दस्तावेज उपलब्ध करवाने के एवज में डॉ राजीव, डॉ वैशाली के ५ हजार एवं डॉ छवि के ३ हजार रूपये रिश्वत की मांग की। दोनों के बीच हुई बातचीत में ७५०० रूपये देना तय होने पर सवेरे अख्तर ने कार्यालय पहुंच कर आरोपी को राशि दी। इसकी भनक लगते ही आरोपी ने दौड कर उक्त राशि को स्टोर में खूटी पर टंगे कर्मचारी के शर्ट की जेब में रख आया। इधर इशारा मिलते हीं मौके पर पहुंची टीम ने उसे धरदबोच उससे पूछताछ कर राशि बरामद की। ब्यूरों ने आरोपी की खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। आरोपी १२ मई २०१० से कनिष्ठ लिपिक पद पर कार्यरत है। रिश्वत राशि देने के बाद विदेशी सरकार के नियमानुसार प्रति पृष्ठ के हिसाब से देय प्रति राशि स्थानीय मेडिकल रिलिफ सोसायटी में चलान जमा करवाने के बाद देने की बात कही।