चित्तौडगढ, उन्हे क्या पता था वह ननीहाल जाकर वापस नही लौट पाएंगे। यह दर्दनाक हादसा गुरूवार को चितौडगढ शहर से करीब १० किलोमीटर दूर जालमपुरा सडक मार्ग पर हुआ। जहां दो युवक नई मोटरसाइकिल ननीहाल में दिखा कर वापस अपने गांव लौट रहे थे, कि अचानक ११ हजार केवी विद्युत लाईन का तार उन पर गिर गया और दोनो ही राख में तब्दील हो गए और मोटरसाइकिल भी जल कर खाक हो गई। आग के हवाले हुए दोनो युवक अपनेे घर का एक मात्र चिराग थे।
बिलोदा गंाव में रहने वाले पृथ्वीराज जाट का पुत्र राजकुमार (२४) बुधवार को अपने चचेरे भाई विकास (१४) पिता कमलसिंह जाट को लेकर अपने ननीहाल जालमपुरा के लिए मोटरसाइकिल पर रवाना हुआ। राजकुमार अपने ननीहाल इस कारण से जा रहा था कि दो दिन पूर्व ही उसने एक मोटरसाइकिल खरीदी थी और उसे दिखाने के लिए ननीहाल पहुंचे और रात्री विश्राम के बाद गुरूवार सवेरे राजकुमार व विकास दोनो ही मोटरसाइकिल पर जालमपुरा से बिलोदा के लिए रवाना हुए। उन्हे क्या पता था कि रास्ते में काल उनका इंतजार कर रहा है। जैसे ही वह जालमपुरा-बिलोदा सम्पर्क सडक मार्ग पर पहुंचे कि अचानक ११ हजार केवी विद्युत लाईन का तार टुट कर इन पर गिर गया, जिससे दोनो ही युवक जल कर राख हो गए व मोटरसाइकिल खाक में तब्दील हो गई। इस दर्दनाक हादसे ने जहां क्षैत्रवासियो को झकजोर करके रख दिया, वही पूरे घटनाक्रम में विद्युत विभग की लापरवाही साफ नजर आई।
ग्रामवासियो का कहना था कि घटना के समय जब दोनो ही युवक बिजली के कारण आग के हवाले हो चुके थे जब ग्रामीणो ने जैसे तैसे विद्युत प्रवाह बंद कर दिया था, लेकिन इस घटना वे ड्यूटी से बेखबर लाईनमेन से पुन: विद्युत प्रवाह चालु कर दिया। जिससे हादसा भंयकर रूप लेने वाला था, लेकिन ग्रामीणो की तत्परता से हादसा बढने से टल गया। जब यक दुर्घटना घटी तब जालमपुरा जीएसएस पर काफी फोन घन-घनाए गए लेकिन किसी ने भी फोन नही उठाया। जब ग्रामीण जीएसएस पर पहुंचे तब वहां पर कोई मौजुद नही था तो ग्रामीणो ने विद्युत प्रवाह बंद कर दिया। ड्यूटी पर देर से आने के बाद लाईनमेन से बिना कुछ जांच पडताल किए ही विद्युत प्रवाह पुन: चालू कर दिया।
ग्रामीणो ने विद्युत विभाग का विरोध करते हुए कहा कि स्थानीय विधायक सुरेन्द्रसिंह जाडावत व ग्रामीणो ने भी पूर्व में मौत की तरह झुल रहे इस विद्युत लाईन को हटाने के लिए विभाग को कहा था, लेकिन विद्युत विभाग के अधिकारियों व कर्मचारी कान में तेल डाल कर किसी ना किसी दुर्घटना का इंतजार कर रहे थे। समय रहने अगर इन तारो को हटा दिया जाता तो इतना बडा हादसा होने से टल जाता। ग्रामीणो ने बताया कि काल का ग्रास बने राजकुमार के पिता का स्वर्गवास करीब डेढ वर्ष पूर्व ही हुआ था व मौत के आगोश में सोए राजकुमार व विकास अपने अपने घर का एक मात्र चिराग थे।
इधर, विद्युत विभाग का कहना है कि उक्त जीएसएस को निजी कम्पनी को ठेके पर दे रखा है। उसके कर्मचारी की लापरवाही सामने आई है। इस संबंध में विभाग द्वारा उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी गई है।