उदयपुर , महीने में एक दिन ऐसा आता हे जब शहर के आवारा मनचलों और शराबियों की पो बारह होजाती हे बिना पुलिस के खोफ के ये असामाजिक तत्व फतहसागर जेसी सुन्दर झील पर अपनी हरकतों और भाषा की ऐसी गन्दगी फेलाते है की वहां आने वाले लोग एक पल के लिए भी वहां नहीं रुकते और पुलिस की गैर हाजरी ये बताती है की महीने के इस आखरी बुधवार को पुलिस ने भी इन असामाजिक तत्वों को खुले आम शराब पिने और गलियां देने की छुट दे रखी है ।
बुधवार रात 9 बजे फतहसागर का एसा नज़ारा देख के दंग रह जाओगे जेसा बुधवार को देखने मिला कि इतनी सुन्दर झील पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पाल पर ऐसी हरकते हो रही है और उन्हें रोकने के लिए कोई पुलिस वहां मोजूद नहीं है । फतह सागर पर एक छोर से दुसरे छोर तक पूरी पाल पर करीब 6 , 7 जगह ये असामाजिक तत्व पांच सात के झुण्ड में बेठे थे और खुले आम शराब कि बोतलें खोली जा रही थी और गालियों का दौर चल रहा था वहा आने जाने वाली महिलाए और परिवार सहित आये लोगों के लिए बेठना दुश्वार हो गया हद तो तब हो गयी जब इनमे से कई गुंडा तत्वों ने खुले आम आने जाने वाली महिलाओं पर फब्तियां कसनी शुरू करदी नशे की हालत में खुले आम गली गलोच करना शुरू कर दिया एक बार तो एसा लगा जेसे फतह सागर पर इन्हें ये अराजकता फेलाने की छुट दे रखी हे क्यों के इन्हें किसी पुलिस या कोई रोकने टोकने वाले का कोई खोफ नहीं था मुम्म्बैया मार्केट के सामने भी एक सफ़ेद कलर की स्वीफ्ट कार में पांच लोग उतरे नशे की हालत में एक दुसरे को गलिय दे रहे थे और वहां बेठी महिलाओं पर फब्तिय कस रहे थे जब वे महिलाये वहा से उठ गयी तो वे भी वह से चल दिए और तेज आवाज़ में स्टीरिओ बजाते हुए पाल पर चक्कर काटने लगे । वह बेठने वाले लोगों के लिए ये सवाल था की आखिर ऐसा एक दिन में क्या हुआ की शांत और खुशगवार रहने वाली फतहसागर की पाल पर इन गुंन्डा तत्वों का राज केसे होगया तो पता चला की महीने के आखरी बुधवार को फतहसागर झील पर मुम्म्बैया मार्केट और ठेले वालों का अवकाश रहता है । ऐसे मे वहां कुछ सुना सुना सा रहता है। रोज़ चक्कर लगाने वाले पुलिस कर्मी और अधिकारी भी वहा नहीं आते और ये अवकाश का दिन इन असामाजिक तत्वों के लिए त्यौहार का दिन बन गया है ।वहा रोज़ आने वाले एक दम्पति ने कहा की हर महीने के आखरी बुधवार यहाँ एसा ही माहोल रहता हे पुलिस कर्मी वेसे तो यहाँ आते है लेकिन आज के दिन छुट्टी होने से पुलिस भी यहाँ नहीं आती इसीलिए इन असामाजिक तत्वों के होसले बुलंद होगये है