उदयपुर, उदयपुर की झीलों को प्रदुषण मुक्त करने के लिए संभागीय आयुक्त झील में सभी निजी होटलों की जेठियों को हटा कर एक पुब्लिक जेठी लगाने का प्रस्ताव दिया है लेकिन हकीकत में देखे तो एसा हो पाना संभव नहीं क्युकी अभी पिछोला में सभी ५ स्टार होटलों की जेठियों की संख्या २० के आसपास है और करीब ७० से अधिक बोट जिन्होंने अपने प्रभाव के चलते पूरी झील को जेठियों और पोंटून है ।
संभागीय आयुक्त ने झीलों की साफ सफाई और सोंदर्य करण के लिए ४ अलग अलग समितियां बनायीं है जिनमे एक समिति नोक सञ्चालन समिति है जो झीलों में संचालित होने वाली नोकाओं की जांच करेगी और झीलों में संचालित निजी जेठियों के साथं पर एक पब्लिक जेठी का निर्माण का प्रस्ताव तैयार करेगी । और प्रशासन के लिए ये ही सबसे बडी चुनोती है की इन सब रसूखदार लोगों की जेठियाँ हटा कर एक निजी जेठी बन सकती है । अभी हाल में पिछोला में २. के लगभग निजी होटलों की जेथियाँ है । और हर होटल के निजी पोंटून जिनपर उनके रेस्टोरेंट बिना अनुमति के संचालित होते है । सूत्रों के अनुसार ये सभी ५ स्टार होटलों ने अपने प्रभाव के चलते बिना अनुमति और कानून को धत्ता बताते हुए झील को जेठियों और पोंटून से भर दी है । और इनपर किसी की कोई लगाम नहीं । दूध तले किनारे तिन बडी होटलों की ४ आलिशान झ्थियाँ तेरती हुई नजर आती है जहा आम पब्लिक का जाना या वहां खडा रहना मना है वही बडी पाल पर करीब ६ जेठियों से घेर रखा है सिटी पेलेस की निजी संपत्ति होने के करण वह उनपर कोई अंकुश नहीं है । इन्ही होटलों के वि.आई.पि. गेस्टों के लिए झील में तेरते रेस्टोरेंट भी है जिनपर रोक के बावजूद ये विधिवत तरीके से संचालित होते है ।ऐसे मै इन जेठियों और पोंटून पर रोक लगा कर एक पुब्लिक जेठी का प्रस्ताव कहाँ तक सही ऋियान्वित होता है यह देखना है । या ये प्रस्ताव सिर्फ फाइलों में ही दब कर रसूखदार लोगों के प्रभाव से धुल फाकता है ।