बच्चों को अपना लक्ष्य दिखाने और नन्हे इरादों को बुलंदियों तक पहुचाने का का काम कर रही है डूंगरपुर की पीपी एज्युकेशन सोसायटी .

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Prakash Pankal, director of PP Education
कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता 
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों , 
कुछ एसा ही जज्बा लेकर खूबसूरती और सफाई में  अपनी पहचान बना चुके डूंगरपुर निवासी प्रकाश पंचाल ने पीपी एजुकेशन सोसायटी (PP Education Society ) स्थापित कर एक विशेष अभियान शुरू किया है.
पीपी एजुकेशन सोसायटी के निदेशक प्रकाश पंचाल ने एक एसी सोच के साथ अपना अभियान शुरू किया है जिसकी आज के दौर में सबसे अधिक आवश्यकता है. श्री पंचाल अपने अभियान के बारे में बताते हुए कहते है कि मेरा मानना है कि बच्चा चाहे दिल्ली, मुम्बई जैसे महानगर का हो या फिर हमारे वागड़ क्षेत्र के किसी छोटे से गाँव का, हर एक बच्चे में कोई एक विशेष प्रतिभा होती है. बस जरूरत है तो उस प्रतिभा को निखारने की उस प्रतिभा को पहचान कर उसको प्रोत्साहित करने की और यही काम हमारी PP Education Society  का मुख्य उद्देश्य है. श्री पंचाल कहते है कि यह कार्य का जिम्मा भी हमने एक तरह से बच्चों को ही सोंप शुरू किया  “एक दिन एक रूपया” के अंशदान के आधार पर. कहने को एक रुपया काफी छोटा है लेकिन यही एक रुपया खुद बच्चों के हाथों से बच्चों के लिए जमा होने लगे तो उन लाखों वंचितों की तक़दीर बदल सकता है जिन्हें आज के दौर में जरूरत है . प्रकाश पंचाल बताते है कि अभावग्रस्त व जरुरतमंद विद्यार्थी जिनमें प्रतिभा तो है पर आभावों के तले अपने सपने साकार नहीं कर पा रहे। ऐसे बालकों के लिए प्रति व्यक्ति प्रतिदिन शिक्षा के लिए 1 रुपया का अंशदान अथवा 1 रुपए के गुणाक में  अपनी सामर्थ्य अनुसार देने का आग्रह किया, ताकि हम सभी मिलकर भावी पीढ़ी के निर्माण में सशक्त भूमिका निभा सकते हैं। पंचाल के इस अभियान को बच्चों ने

Prakash Pankal, director of PP Education

अपने दिल से लगा लिया और इस प्रतिदिन एक रुपये के अंशदान को हाथों हाथ लेते हुए कई मासूम हाथ आगे बढ़ गए . और साथ में आगये उनके माता पिता .

प्रकाश पंचाल ने बताया कि पीपी एज्यूकेशन का उद्देश्य सीधा सा है बच्चों को उनकी मंजिल को पहचानने में मदद करना. हर बच्चा प्रतिभावान है लेकिन मार्गदर्शन के अभाव में वह अपना सही फिल्ड खोज नहीं पाता या यूँ कहिये पहचान नहीं पाता बस इसी काम को पीपी एजुकेशन सोसायटी करेगी .सोसायटी वागड़ के बच्चों का देश विदेश के घटनाक्रमों के साथ ही शिक्षा के क्षेत्रों में बालकों के लिए उचित मार्गदर्शन देकर उनकी प्रतिभाओं को तराशना व बालकों को विभिन्न ऊंचाइयों तक पहुचाने के प्रति प्रतिबद्ध है । जिससे बालकों को पीपी एज्यूकेशन द्वारा समय-समय पर निःशुल्क फार्म पहुंचाकर उनकी अभिरूचि जानकर उन्हें पूर्ण किया जाता है।

मोटिवेशनल सेमीनार में छात्रों ने जाना ज़िन्दगी जीने का मूल मन्त्र 

इस कड़ी में PP Education Society Dungarpur व रोटरी कल्ब की ओर से आयोजित एक दिवसीय मॉटीवेशनल सेमिनार का आयोजन विगत दिन शहर के विजयाराजे सिंधिया ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। जिसमें शहर के उपस्थित अंग्रेजी माध्यम के राजकीय व नीजी विद्यालय के छात्रों ने छात्रों बुलंदियों से आच्छादित जिवनयापन का मूल मंत्र सिखा। सेमिनार में छात्रों को जीवनयापन का  मूल मंत्र प्रदान करने व उनका मार्गदर्शन करने के लिए बतौर मुख्य अतिथि ससुराल सिमर का धारावाहिक की टीवी कलाकारा श्वेता सिंह, मोटिवेश्वल स्पीकर तिरंदाजी में राष्ट्रीय पुरस्कार से सुसज्जित और असहाय बालकों के अपना सहयोग और गायकी द्वारा उन असहाय बालकों का जीवन संवारने वाली, संसार की सबसे कम उम्र की मॉटिवेशनल स्पीकर, स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2018 मुबंई की जाह्नवी पंड्या तथा मुंबई की ख्यातनाम फैशन स्टाइलिस्ट आकांशा कपूर उपस्थित रही। जिन्होंने बालकों को जीवन यापन व तनाव मुक्त रहकर जीवनशैली को जिने का मंत्र देकर उनका मार्गदर्शन किया। सेमिनार में पीपी एज्युकेशन सोसायटी के संरक्षक विक्रम माखिजा ने सोसायटी के उद्धेश्य बतलाते हुए कहा कि डूंगरपुर जिले में सोसायटी का आरंभ विगत 4 वर्षों पूर्व किया गया था। माखीजा ने बताया कि मानव जीवन में ज्ञान के साथ ही हर किसी व्यक्ति को अपना रोल मॉडल तय करना चाहिए, वागड़ में भी रोल मॉडल का खजाना भरा पड़ा है, लेकिन आव्यश्कता है, तो बस उसे तराशने की जो काम सोसायटी द्वारा भी किया जा रहा हैं।
आशाओं की भरों उड़ान,छ लो शिखर 
सेमिनार में उपस्थित छात्रों को मोटिवेश्वल स्पीकर जाह्नवी पंड्या ने संबोधित कर अंग्रेजी गीत देयर ही नो… सुनाते हुए कहा कि जीवन में कुछ आशाएं है, तो उन्हें बुलंद करो ओर शिखर को चुमते हुए अपना रॉल मॉडल प्राप्त कर लो। पंड्या ने कहा कि जीवन में सबसे महत्वपूर्ण योग कर्मयोग है। सपनों के शिखर तक पहुंचने का माध्यम ही कर्म है, यदि आप कर्म को अपना लेते है तो निश्वित ही शिखरता और प्रशस्ती आपके कदम चूमेगी।
 व्यस्त रहने पर मिलेंगे अनुभव के सागर:
सेमिनार को आगामी क्रम में ससुराल सिमर का धारावाहिक की टीवी कलाकारा श्वेता सिंह ने बालकों को संबोधित करते हुए उनके साधारण व्यक्तित्व से टीवी दुनिया कि शिखरता बतलाकर कहा, उन्होंने समय की महत्ता को अपनी जीवन शैली में उतारा व व्यर्थ में समय न गवां कुछ न कुछ सिखती रही। जिसके अनुभव उन्हें उनके टीवी किरदार में भी मिले ।सिंह ने बालकों को बताया कि वह कभी अपने अविश्वास व नकारात्मकता को अपने प्रयासों पर हावी न होने दें और सकारात्मक आवरण को अपना विश्वास के साथ अडिंग रहे चाहे परिस्थितियां जो भी हो। सेमिनार में माता-पिता से कहा कि बच्चों को सदैव स्कूली शिक्षा के बाद अपने भविष्य को लेकर असंमजसता बनी रहती है, लेकिन माता-पिता को सदैव बच्चों को उनका साथ देकर बालक की प्रतिभा को समझकर उसकी इच्छानुसार उसे अपना फिल्ड चुनने में सहायता करनी चाहिए।
दो महीनों की क्लास ने बदली जिंदगी 
मुंबई की ख्यातनाम फैशन स्टाइलिस्ट आकांशा कपूर ने स्कूली छात्रों से कहा कि जैसे जैसे समय बदलता है, तो सोच में बदलाव होना स्वाभाविकता है। कपूर ने बच्चों से कहा कि प्रयोग करने पर आपको अपनी योग्यता का अनुमान लग सकेगा। कपूर ने अपनी जीवन कि वास्तविकता को बतलाते हुए बालकों से कहा कि उनके परिवार में अधिकांशतः मेडिकल क्षेत्र से है। एवं वह भी कक्षा 11वीं तक मेडिकल में ही अपनी रूचि रखती थी, लेकिन 11वीं कक्षा में अवकाश के दौरान कपूर ने दो महीना फैशन की कक्षा लेना प्रारंभ किया, जिसने उनकी सोच बदली ओर वह फैशन स्टाइलिस्ट बनी।
अतिथियों ने किया अंशदान, शहर का किया भ्रमण
मुम्बई से आई जाह्नवी पंड्या, ससुराल सिमर की अदाकारा श्वेता सिंहा तथा आकांक्षा कपूर ने भी अपना अंशदान देते हुए शिक्षा के प्रति इस अनूठी पहल की खुले मन से सराहना की। शाम को सभी मेहमानों ने शहर के खुबसूरत स्थानों का अवलोकन किया एवं स्वच्छ एवम सुंदर शहर के लिए तथा ऑडिटोरियम के लिए नगर परिषद के को धन्यवाद दिया, सभापति से दूरभाष पर वार्ता की .

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