जयपुर में बलात्कार का एक मामला सामने आया है जिसमे शादी के लिए मना करने पर एक युवक ने युवती का अपहरण कर लिया। उससे मारपीट की और उसे बंधक बनाकर उसका रेप कर डाला। उसे जान से मारने तक की कोशिश की। बाद में युवती ने जैसे तैसे खुद को युवक के बंधन से छुड़ाया और पुलिस को सूचना दी। मामले की जांच मानसरोवर थाना पुलिस कर रही है। पुलिस ने बताया कि युवती ने नवीन यादव नाम के एक युवक पर आरोप लगाया है। युवती का आरोप है कि उसकी कुछ दिन पहले नवीन नाम के युवक से जान पहचान हुई थी। जान पहचान के बाद कुछ बातचीत हुई तो नवीन ने शादी करने के लिए परेशान करना शुरु कर दिया। शादी का दबाव बनाने के साथ ही नवीन ने होटल और रुम में जाने की बातें करना शुरु कर दिया। जब युवती ने मना किया तो उसे बीच रास्ते से उसका अपहरण कर लिया। युवती ने आरोप लगाया है कि वह उसे पत्रकार कॉलोनी स्थित एक मकान में ले गया। गला दबाकर जान से मारने की धमकी दी और रेप किया। रेप के बाद शादी करने का दबाव बनाया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि आरोपी नवीन से उसकी बात फोन पर हुई थी। उसके बाद किसी न किसी काम से नवीन उससे फोन पर बात करने लगा। युवती ने कई बार नवीन को मना भी किया लेकिन वह नहीं माना और दोस्ती करने, घुमने का दबाव बनाता रहा। नंबर ब्लॉक करने के बाद भी नवीन नए नंबर से फोन करने लगा। जब एक बार बीच रास्ते पर मिला तो उसका हाथ भी पकड़ा और साथ ले जाने की कोशिश भी की। युवती ने जैसे-तैसे उससे पीछा छुड़ाया। लेकिन पिछले दिनों तो उसने सारी हदें ही पार कर डाली। युवती अभी तक सदमे में है।
यह विडियो भी देखिये
https://www.youtube.com/watch?v=5LDOfHn5e7U&t=22s
भविष्य में अगर कोर्ट ने नवीन को रिहा कर दिया तो क्या आप वह न्यूज़ भी पोस्ट करने की गारंटी देते है ?
यदि आप किसी महिला की पहचान छिपाते है तो पुरुष की पहचान क्यों जगजाहिर करते हो ?
क्या आपने कोर्ट के फैसले से पहले ही उसे दोषी मान लिया है ?
कही ऐसा न हो कि अभियुक्त निर्दोष हो और मीडिया ट्रायल से बदनामी के कारण आत्महत्या कर ले तब क्या आप सज़ा के भागीदार बनने के लिए तैयार हो ?
बदलिये अपनी घटिया मानसिकता को जिसमे हर हाल में आप महिला को अबला मान कर पुरुष की बदनामी शुरू कर देते हो । क्या महिला दोषी नही हो सकती इस मामले में ?
सिर्फ पुरूष की ही पहचान क्यों बताई जा रही क्या पुरूष का स्वाभिमान नही है ? क्या उसे जीने का अधिकार नही है ? उसके सम्मान की कोई कीमत नही है ?
सोचिए जनाब ! आपकी एक पोस्ट किसी की ज़िंदगी खत्म कर देती है ।