पोस्ट न्यूज़ . जीहाँ ख़ुशी की बात है बब्बर शेर अली अब दो बच्चों का बाप बन गया है वहीँ शेरनी अली उन दो बच्चों की माँ, दो पैदा हुए शावकों में एक नर है तो दूसरी मादा. यहाँ शायद ये बेटी पा कर ज्यादा खुश है क्यूँ की सभी जानते है शेरों के राशन पानी का इंतज़ाम इनके कुनबे में एक मादा ही करती है . नर तो बस खुद को राजा कहलाते हुए अपनी हिरोगिरी में दिन भर सुस्ताते हुए इधर उधर टाइम पास किये हुए रहता है . हालाँकि यह शेर और शेरनी बायलोजिकल पार्क के बंदी है इसलिए इन्हें खाने के लिए ज्यादा मशक्कत करने की जरूरत नहीं. लेकिन फिर भी इस जोड़े को अपने माँ बाप बनने के ख़ुशी जरूर होगी पिंजरे के कैदी है तो क्या .
हमारे मनोरंजन के लिए उदयपुर के सज्जन गढ़ बायलोजिकल पार्क के पिंजरे में कैद बब्बर शेर अली और शेरनी सारा मां-पापा बन गए हैं। सारा ने पिछले दिनों दो शावकों को जन्म दिया है, जिनमें एक नर और दूसरी मादा है। एक अविकसित शावक मृत पैदा हुआ था। सीसीएफ वाइल्ड लाइफ राहुल भटनागर ने बताया कि शेरनी और शावक पूरी तरह सेहतमंद हैं। इनकी 24 घंटे निगरानी की जा रही है। डीएफओ हरिणी वी. ने बताया कि एक शावक ने सोमवार को आंख खोल ली है। दूसरे को इसके लिए दो या तीन दिन लग सकते हैं। सारा दोनों को दूध पिला रही है। बायोलॉजिकल पार्क प्रबंधन मां और उसके बच्चों को उनकी जरूरत के मुताबिक माहौल उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। फिलहाल कोशिश यह कि इन्हें किसी भी प्रकार से डिस्टर्ब नहीं किया जाए। शावकों के पास अभी कोई नहीं जा रहा, क्योंकि इससे सारा आक्रामक हो सकती है। डॉ. करमेन्द्र प्रताप सिंह आैर केयर टेकर रामसिंह सीसीटीवी कैमरे के जरिए मां-शावकों की पल-पल की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। शावकों का वजन करीब 1.80 किलोग्राम है।
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बताया गया कि अली डिस्प्ले एरिया में रहता है। शावकों को इस एरिया में छोड़ना अभी सुरक्षित नहीं है। अली हमला कर सकता है। कुछ दिनों बाद जब शावक खेलने और उछल-कूद करने लायक हो जाएंगे, तब इन्हें कराल में छोड़ेंगे। एनक्लोजर का यह हिस्सा डिस्प्ले नहीं होता, इसलिए वन्यजीवों को मुफीद कुदरती माहौल मिलता है। पर्यटकों को इन्हें देखने के लिए करीब छह महीने इंतजार करना पड़ सकता है। इसके बाद भी किसी दूसरे एनक्लोजर में छोड़ने का निर्णय उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार होगा। बता दें कि बायोलॉजिकल पार्क की शुरुआत के समय दो हाईब्रीड लॉयन प्रशांत और अली लाए गए थे। दोनों नर होने से इनका कुनबा नहीं बढ़ पा रहा था। इस पर वन विभाग सीजेडए से अनुमति मिलने पर गत वर्ष 15 जुलाई को पिलिकुला मंगलौर के जैविक उद्यान से प्रशांत के बदले सारा को लेकर आया था। इसके बाद अली और सारा को एक साथ रखा गया था।