MLSU में अब अतिथियों का स्वागत होगा पौधो और पुस्तकों से – छात्रों ने किया आदेश का स्वागत

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उदयपुर। उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय और उससे जुड़े चारों संगठक महाविद्यालयों में अब किसी भी गेस्ट या महत्वपूर्ण हस्ती का स्वागत फूल माला और गुलदस्तों से नहीं होगा। कुलपति के नए आदेश के अनुसार अब पोधों और किताबों से स्वागत किया जाएगा। इस आदेश का छात्रों ने हर्ष के साथ स्वागत किया और जन्म दिन में पौधा रोपण के साथ इसकी शुरुआत भी कर दी।
सुखाडिया विश्वविध्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर जेपी शर्मा ने सोमवार को आदेश जारी किये कि मोहनलाल सुखाडिया विश्वविध्यालय के सभी संघटक कोलेजों में होने वाले कार्यक्रमों के दौरान आने वाले अतिथियों का स्वागत पुस्तकों और पौधो से किया जायेगा। जानकारी के अनुसार लॉ कॉलेज में अंतिम वर्ष की छात्रा और लॉ कॉलेज की छात्रसंघ उपाध्यक्ष साक्षी पंड्या के सुझाव पर यह निर्णय लिया गया । दरअसल साक्षी ने कुलपति को एक पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि अतिथियों के स्वागत में गुलदस्ते और मालाएं देने की बजाय पौधे भेंट किया जाए जिससे पर्यावरण को मदद मिलेगी । ऐसे में कुलपति ने साक्षी के इस सुझाव को पसंद किया और उन्होंने हाथों-हाथ रजिस्ट्रार को आदेश देकर इस सुझाव को और आगे बढ़ाते हुए पुस्तक भी शामिल करने को कहा है। साथ ही विश्वविद्यालय के चारों संगठक महाविद्यालयों को भी समारोह में आने वाले अतिथियों के स्वागत के लिए सिर्फ पुस्तक और पौधे भेंट करने को निर्देशित किया है। यही नहीं इस आदेश के आते ही कई छात्र इसको अमल में भी ले आये, अपने जन्मदिन पर दोस्तों को आमंत्रित कर सामूहिक रूप से पौधा रोपण किया गया। आर्स कोलेज में द्वितीय वर्ष में पढ़ रहे छात्र निशांत ने अपना जन्म दिन केम्पस के गार्डन में अपने दोस्तों के साथ पौधा रोपण कर मनाया। यही नहीं निशांत के मित्र मिनहाज़ खान ने भी जन्मदिन के तोहफे के रूप में निशांत को एक पुस्तक भेंट की। निशांत ने बताया कि पुस्तक और पौधे हमारे जीवन का एक भाग है, पुस्तक सच्चे साथी तो पौधा स्वस्थ जीवन का प्रतिक है।
निशांत के जन्मदिन पर पहुचे छात्र मिनहाज़ खान ने बताया कि विश्वविध्यालय द्वारा उठाया गया यह कदम पर्यावरण संरक्षण में बोहत अहम् कदम है। देखा जाय तो एक पोधा और एक पुस्तक से अच्छा और सच्चा कोई दोस्त नहीं ऐसे में अगर पौधे और पुस्तक से अतिथियों का स्वागत होता है तो फूल मालाओं से कई ज्यादा बढ़ कर सम्मानजनक स्वागत होगा। निशांत की इस पहल में डीन साधना कोठारी प्रोफ़ेसर इशहाक मोहम्मद कयामखानी ने होसला बढ़ाया और छात्र नेता कला महाविद्यालय के अध्यक्ष महेश रोत, पूर्व अध्यक्ष मोहित नायक, जितेश खटिक, और समीर नायक ने सहयोग किया।

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