सात दिनों तक मौत से लड़ रही बच्ची को “राहत” अस्पताल नहीं दिला सका “राहत” – परिजनों ने की तोड़फोड़, काबू पाने पुलिस को करना पड़ा बल का प्रयोग।

Date:

उदयपुर। शहर के मधुबन इलाके में स्थित राहत हॉस्पिटल में शनिवार को उस समय हंगामा हो गया जब एक नवजात बच्ची के परिजनों ने चिकित्साकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में तोड़फोड़ के साथ वहां मौजूद कर्मचारियों से मारपीट भी कर डाली। बाद में आए पुलिस जाब्ते ने बड़ी मुष्किल से आक्रोषित परिजनों को डण्डे के जोर पर थाने ले गई, जहां दोनो ही पक्षों ने एक दूसरे पर मामले दर्ज करवाएं है।

यह भी पढ़िए – आखिर एक प्रेमी ने क्यूँ उठाया ऐसा खतरनाक कदम

दरसअल शहर के कल्पना नर्सिंग हाॅस्पिटल में सात दिनों पूर्व एक अपरिपक्व बच्ची का जन्म हुआ था, लेकिन उसकी हालत नाजुक होने से हाॅस्पिटल ने बच्ची का इलाज राहत शिशु एवं बाल चिकित्सालय में भर्ती कराने की सलाह दी परिजनों ने भी सलाह मानते हुए बच्ची को तुरन्त राहत में भर्ती करवा दिया। सूत्र बताते हैं कि महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय नामचीन चिकित्सक लाखन पोसवाल का भी इस हाॅस्पिटल से खासा जुड़ाव है और वह अपनी सेवाएं अधिकतर इसी हाॅस्पिटल में देते है, इसलिए इस हाॅस्पिटल में इलाज महंगा पर सरकारी से अच्छा होता है। शनिवार को यहां पर इलाजरत बच्ची को डिस्चार्ज करके सरकारी हाॅस्पिटल में भर्ती करवाने की बात पर हंगामा खड़ा हो गया और परिजनों ने एक बार तो बच्ची को सरकारी अस्पताल में भर्ती करवा दिया लेकिन बाद में आकर भारी हंगामा करते हुए जिम्मेदार चिकित्सक को बाहर बुलाने की मांग करने लगे। इस बीच हाॅस्पिटल की शिकायत पर पुलिस के जवान भी मौके पर पंहुच गए और परिजनों से उलझ बैठे परिजन आरोप लगाते रहे कि अंतिम सांसे गिनती बच्ची की यह हालत इसी अस्पताल की लापरवाही की वजह से हुई है। इसी दौरान छात्रनेता मयूरध्वज सिंह और अन्य युवा भी परिजनों के समर्थन में पंहुच गए। पुलिस के जवानों ने सभी से दो दो हाथ करते हुए परिजनों को गाड़ी में बिठा ही लिया और बाद में थाने ले गई।
परिजनों ने बताया कि सात माह गर्भ में रहने वाली बच्ची की सांसे सात दिनों में ही खत्म होने के कगार पर है। इंफेक्षन के कारण बच्ची का एक पांव पूरी तरह से खत्म हो चुका है। जिसका ठीक होना अब नामुमकीन ही लग रहा है। दूसरी तरफ राहत हाॅस्पिटल के शेयरधारक डाक्टर अरविन्दर सिंह का कहना है कि बच्ची की हालत भर्ती होने से पहले ही काफी चिंताजनक थी, जो बात परिजनों को भी बता दी गई, हम बेहतर से बेहतर ईलाज कर सकते है, लेकिन भगवान नहीं है। परिजनों ने डिस्चार्ज फार्म ले लिया और बाद में फिर आने की धमकी देकर चले गए, जिनकों हमने गंभीरता से नहीं लिया क्योंकि ऐसी स्थिति में परिजन भी आवेषित होते हैं, कुछ देर बाद परिजन कई युवाओं के साथ आए और अस्पताल में तोड़फोड़ करते हुए स्टाॅफ के साथ मारपीट षुरू कर दी। जिसकी रिपोर्ट थाने में लिखवा दी गई है। वहीं हाथीपोल थानाधिकारी अशोक आंजना ने दोनो ही पक्षों द्वारा रिपोर्ट लिखाए जाने के बाद जांच शुरू कर दी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Motherless.com Review | LUSTFEL

Motherless.com is among those...

Enjoy enjoyable and engaging conversations inside our bi guy chat room

Enjoy enjoyable and engaging conversations inside our bi guy...

Benefits of cross dressing dating

Benefits of cross dressing datingThere are many benefits to...