ढाई साल बाद भीण्डर पंचायत समिति पर जनता सेना का कब्जा -कटारिया हाय – हाय के लगे नारे

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उदयपुर। अगर आपको राजनीति सीखनी है या फिर इसी में अपना भविश्य आप देख रहे हैं तो कुछ सालों के लिए वल्लभनगर को अपनी कर्मभुमि बना लीजिए और यहां पर किसी भी पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता बन जाए। आपको यहां सियासत का हर दाव पेच सीखने को मिल जाएगा। षाम, दाम, दण्ड, भेद, छल, कपट आदि जो भी विधा,,,, राजनीति या इसी में रची जाने वाली कुटनीति में काम आती है। वल्लभनगर की जनता और पार्टियां इसमे अव्वल है। इसी का उदाहरण देखने को मिल गया सोमवार को भीण्डर पंचायत समिति के प्रधान के लिए हुए उप चुनाव में, जब ढाई साल पहले चुनाव में हारी जनता सेना की रेखा कुंवर ने ढाई साल बाद पूर्व प्रधान यषोधरा कुबेर चावड़ा को 3 वोटों से हरा दिया। ऐसे में यहां आने वाले विधानसभा चुनावों की स्तिथि भी लगभग साफ हो गई। हालाकि भाजपा के दोनो सदस्य कांग्रेस की यषोधरा कुबेर चावड़ा के साथ नजर आएं तो कांग्रेस के दो सदस्य जनता सेना के साथ मिल गए थे। ऐसे में कुल 25 सदस्यों में से 14 सदस्यों ने तो जनता सेना और ग्यारह सदस्यों ने कांग्रेस को चुना। दिन भीण्डर में हुए इस सियासी खेल को पलपल कवर किया हमारे संवाददाता अषोक श्रीमाली ने । कांग्रेस और जनता सेना की प्रतिष्ठा का विषय बनी भीण्‍डर प्रधान की सीट पर आखिरकार जनता सेना का कब्‍जा हो गया। इसके साथ ही क्षेत्र में लम्बे समय से चल रहा राजनीतिक उठापटक का दौर अब समाप्‍त हो गया है। काफी दिनों से जनता सेना में कोई अच्‍छी खबर नहीं आ रही थी लेकिन सोमवार को वल्‍लभनगर विधानसभा क्षेत्र का सबसे प्रतिष्ठित भीण्‍डर प्रधान का पद जनता सेना के कब्‍जे में आने के साथ ही महाराज रणधीरसिंह भीण्‍डर ने काफी राहत की सांस ली है। हालाकि जनता सेना अपनी जीत को लेकर पूर्ण रूप से आश्‍वस्‍त थी इसका पता इस बात से भी लगाया जा सकता है कि प्रधान कक्ष के बाहर लगाई जाने वाली नेमप्‍लेट भी पहले से बनाकर रखी गई थी जैसे ही परिणाम आया प्रधान कक्ष के बाहर नेमप्‍लेट लगा दी गई। आपको बता दे कि पिछली बार जनता सेना का पटखनी देने के लिए भाजपा ने चाल चली थी, जिससे जनता सेना का प्रधान बनते बनते रह गया और कांग्रेस ने बाजी मार ली थी, लेकिन इस बार जनता सेना ने सारे मोहरे सही चले और कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी। 12 सदस्य होते हुए भी जनता सेना के पक्ष में 14 वोट पड़े, जबकि भाजपा के दो सदस्य तो कांग्रेस के साथ ही आए थे। गौरतलब है कि प्रधान पद के लिए हुए मतदान के बाद जनता सेना की रेखा कुंवर ने पूर्व प्रधान यशोधरा कुंवर को हराकर प्रधान पद पर कब्‍जा जमा लिया। हालांकि इस बार पहले से यह तय माना जा रहा था कि जनता सेना की जीत निष्चित है। लेकिन पूर्व विधायक गजेंद्र सिंह षक्तावत और उनके भाणजे कुबेर सिंह चावड़ा में अचानक हुए समझौते के बाद जनता सेना की सियासी चाल कुछ बिगड़ती दिखाई दे रही थी। वहीं इस बार जनता सेना कांग्रेस में फूट डालने में कामयाब रही और उसने कांग्रेस के ब्‍लॉक अध्‍यक्ष मेघराज सोनी को अपनी तरफ आकर्षित कर लिया। मेघराज सोनी मतदान से पूर्व महाराज रणधीरसिंह भीण्‍डर के पाले में चले गए जिससे कांग्रेस की सारी गणित बिगड़ गई। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी को भी सोमवार को तगड़ा झटका लगा। भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष गुणवंतसिह झाला द्वारा व्हीप जारी करने के बावजूद कांग्रेस के साथ भाजपा के दोनों सदस्‍यों ने मतदान कर अपने अध्यक्ष की ही अनदेखी कर दी। जनता सेना की प्रधान के बाद सभी कांग्रेसी अचानक गायब हो गए वहीं पूरा क्षेत्र गुलाबचंद कटारिया हाय – हाय और रणधीर सिंह भीण्डर जिंदाबाद के नारों से गूंज उठा।
और आखिरकार वल्लभनगर में जनता सेना के सुप्रीमों ने एक बार फिर विजयी पताखा फहराकर सारे विरोधियों को पटखनी दे दी है। कटारिया के धूर विरोधी रहे महाराज साहब को मिली इस सफलता के बाद वल्लभनगर में आने वाले विधानसभा चुनावों की स्थिति साफ हो गई है कि अगर इस बार भी जनता सेना मैदान में रहती है तो दो बड़ी पार्टियां,,,,, कांग्रेस और जनता सेना ही होगी। क्योंकि भाजपा का सफाया तो यहां पहले ही हो चुका है।

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