उदयपुर . उदयपुर जिले के ढाई लाख गरीब परिवार जो सस्ते अनाज का लाभ उठाते है उन्हें अनाज नहीं मिल पाया है . दीपावली के दो दिन पहले तक भी वह सस्ते अनाज का इंतज़ार कर रहे है लेकिन सस्ते अनाज की दुकानों पर गेहूं नहीं है . ऐसे में एक गरीब परिवार कैसे कह पायेगा यह हैप्पी दीपावली है .
उदयपुर जिले में करीब साड़े पांच लाख परिवार ऐसे है जो सस्ते अनाज का लाभताते है और इसी सस्ते अनाज की बदोलत उनके घर में दो वक़्त का चुल्हा आराम से जलता है .इन परिवारों के लिए आबंटित होने वाले अनाज का अक्टूबर में आधा ही उठाव हो पाया है। ऐसे में करीब ढाई लाख परिवारों के करीब 12 लाख लोगों के लिए अनाज नहीं पहुंच पाया है। वजह हाल ही में डीएसओ का निलम्बन होना है। कार्रवाई के बाद सरकार ने ऐसी व्यवस्था नहीं की है कि गेहूं आबंटन और उठान में व्यवधान नहीं आए।
जिले में प्रतिमाह 1135 उचित मूल्य दुकानों पर 11129 मेट्रिक टन गेहूं आबंटित होता है। जिला रसद अधिकारी के निलबंन की वजह से अक्टूबर के आवंटित गेहूं में से आधे का ही उठाव हो पाया। इसके बाद एफसीआई ने रसद विभाग को गेहूं देने पर रोक लगा दी है। अब नए रसद अधिकारी के आने के बाद ही गेहंू का उठाव हो पाएगा। ऐसे में अब वंचित परिवारों को राशन का गेहूं मिलने में देरी हो गई है। लिहाजा 12 लाख से भी अधिक परिवार दीपावली पर राशन का गेहूं लेने से वंचित रहेंगे
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जिले में प्रति माह आवंटित गेहूं के आने के साथ ही हर माह की 10 तारीख से उपभोक्ता सप्ताह शुरू हो जाता है। इस माह की दस तारीख से 6 हजार मेट्रिक टन गेहूं का उठाव ही हो पाया। जिले की करीब 550 दुकानों पर ही गेहूं पहुंच पाया। इनमें से भी कुछ दुकानों पर पोस मशीन में इंद्रार्ज नहीं होने के कारण वितरण नहीं हो पाया