उदयपुर । उदयपुर नगर निगम के महापौर को जनता ने और उनकी पार्टी ने महापौर की कुर्सी पर शहर का विकास करने के लिए आसीन किया है ? या सिर्फ दीपावली दशहरा मेले का आयोजन करने ? नगर निगम महापौर चन्द्र सिंह कोठारी से जब शहर के विकास की बात कही तो उन्हें विकास से ज्यादा राणा पूंजा के कार्यक्रम में जाना ज्यादा महत्वपूर्ण लगा और कह दिया कि सिर्फ दिवाली मेले की बात करो हमको आगे भी कार्यक्रम में जाना है।
मौका था दीपावली दशहरे मेले के उपलक्ष में प्रेस वार्ता का जिसमे पत्रकारों ने जब सवाल पूछना शुरू किये तो मेले से सम्बंधित सवालों के बाद शहर की बिगडती हालत और शहर की सड़कों की स्थिति पर सवाल सुनते ही महापौर ने अपने तेवर बदल दिए जिस काम के लिए जनता ने चुन कर नगर निगम भेजा पार्टी ने जनता हितों के लिए महापौर की जिम्मेदारी दी उसी जनता के हितों की बात पर महापोर के तेवर तीखे हो गए और कह दिया कि आपको मेले के सन्दर्भ में सवाल करने है या शहर की व्यवस्था पर, क्यूँ कि ऐसा था तो मुझे पहले कह देते मुझे राणा पूंजा के कार्यक्रम में भी जाना है वहां मुझे देरी हो रही है।
महापौर ने शहर की बिगडती सड़कों की हालत पर एक लाइन में जवाब दिया कि ” मेने कहा है कि दीपावली के पहले सारे शहर के सड़कों की हालत सुधर जाएगी” जो काम पिछले एक साल में नहीं हुआ वो काम सिर्फ १२ दिन में करने का दावा कर रहे है। गन्दगी और सड़कों की हालत देख कर स्मार्ट सिटी तो दूर एक आदर्श शहर भी नहीं बन पा रहा जहाँ मूलभूत सुविधा हो।
उदयपुर के महापौर को शहर के विकास से ज्यादा दीपावली मेले और राणा पूंजा कार्यक्रम में अतिथि बनने की फ़िक्र सताती है।
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Sahi hai gav se badtter halat hai smart sity ki