उदयपुर। जहाँ एक तरफ ८ मार्च को पूरा विश्व महिलाओं के सम्मान, इज़्ज़त और अधिकारों के लिए अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है वही दूसरी तरफ फोर्टीज़, पेसेफिक और गीतांजलि जैसे बड़े बड़े निजी अस्पताल के प्रबंधकों ने महिलाओं के अपमान में कोई कसर बाकी नहीं रखी और इनका साथ दिया सरकारी स्वस्थ विभाग ने। महिला दिवस पर सम्मान के लिए बुलाई गयी महिलाओं को भोजन के पेकेट भीख की तरह बांटने में ना तो इस धन्ना सेठों को शर्म आई ना ही कार्यक्रम में शामिल होने आये स्वस्थ विभाग के अधिकारियों को।
शहर के भुवाणा स्थित रत्नागिरी पहाड़ी पर मुख्य चिकित्सा विभाग, महिला अधिकारिता, जिला प्रषासन और निजी बड़े अस्पतालों गीतांजलि मेडिकल कॉलेज व् पेसेफिक मेडिकल कॉलेज के माध्यम से महिलाओं के सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। जिसमें बेटियों के जन्म पर उनके नाम से रत्नागिरी पहाड़ी पर पौधे भी लगवाए गए। सम्मान देने के लिए बुलाई गयी महिलाओं के भोजन की व्यवस्था गीतांजलि और पेसेफिक मेडिकल कॉलेज द्वारा की गयी थी। धन्ना सेठों द्वारा बनाये गए ये मेडिकल कॉलेज के प्रबंधक के दिलों में अगर सचमुच में महिलाओं के प्रति सम्मान होता तो अपने खाना पूर्ति कार्यक्रम के लिए बुलाई गयी महिलाओं को पूरा सम्मान देते ढंग से बैठा कर उन्हें खाना भी खिलाते। लेकिन इन निजी अस्पतालों के धन्ना सेठों ने आज ही के दिन महिलाओं के सम्मान को ठोकर पर रखने की ठान रखी थी। जब महिलाओं को खाना खिलाने की बारी आई तो जानवरों और भूखों की तरह उन्हें बता दिया कि टेम्पो में पेकेट बांटे जायेगें वहां से लेलेना। शहर से दूर आई बेचारी महिलाएं जो घंटों भूखी प्यासी बैठी थी और इन अस्पतालों और सरकारी महकमे के खाना पूर्ति कार्यक्रम का हिस्सा बनी हुई थी उन्हें बे मन से भी बात मनानी पड़ी। टेम्पो में भीख की तरह दिए गए पेकेट को लेने के लिए मजबूर हो गयी। भूखी प्यासी महिलाएं वही मिट्ठी में जमीन पर बैठ कर खाना भी खाया। सरकारी महकमे और निजी अस्पताल के ठेकेदारों ने आज ही के दिन इन महिलाओं को अपनी इस करतूत से जीभर कर अपमानित किया। अगर चाहते तो इन्हें पंडाल में बैठा कर सम्मान के साथ खाना खिला सकते थे।
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