पागल बता कर फिर आरोपी हत्यारे को बचाने की कोशिश – रुचिता की ह्त्या के आरोपी दिव्य का इलाज मानसिक डॉक्टर से करवा रहा है जेल प्रशासन

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उदयपुर। एक बेरहम हत्यारे को पहले पुलिस ने साइकोसिस बता कर बचाना चाहा था, अब उससे एक कदम आगे उदयपुर का जेल प्रशासन उसको पागल घोषित करवा कर संदेह का लाभ दिलवाना चाह रहा है जिससे कि जधन्य हत्याकांड का आरोपी हत्यारा पागल घोषित हो कर बच जाए।
बहुचर्चित रुचिता हत्याकांड का आरोपी दिव्य कोठारी को अब जेल प्रशासन पागल बनाने पर तुला हुआ है। दिव्य कोठारी को गुरुवार को एम्बुलेंस में कोर्ट में पेश किया गया, पुलिस वें में नहीं ला कर एम्बुलेंस में लाने के पीछे जेल प्रशासन की यह मंशा है कि कोर्ट को यह बताया जा सके की दिव्य कोठारी मानसिक रोगी है। इससे पहले जेल प्रशासन ने दिव्य कोठारी को बीमार कैदियों के साथ महाराणा भूपाल चिकित्सालय के मानसिक अस्पताल भी भेजा गया था और वहां मानसिक रोगी के डॉक्टर को चेकअप करवा कर एक बार तो मासिक रोगी वार्ड में भर्ती करने की तय्यारी भी कर ली थी, लेकिन मामला बड़े अधिकारियों तक पहुचा और उन्होंने आपत्ति जताई, उसके बाद वापस उसको जेल भेजा गया। लेकिन जेल प्रशासन के अधिकारी हत्यारे के रसूखदार परिजनों के एहसान तले ऐसे दबे हुए है कि उन्होंने गुरुवार को जब कोर्ट में पेशी के लिए भेजा तो बजाय पुलिस वेन के एम्बुलेंस में भेजा। वरिष्ट अधिवक्ता राजेन्द्र सिंह हिरन का कहना है कि अभियुक्त दिव्य कोठारी को एम्बुलेंस में इसलिए लाया गया है नकी उसको संदेह का लाभ दिलाया जासके।
दिव्य को एमबी हॉस्पिटल लाने के आदेश के संबंध में जेल अधीक्षक प्रीता भार्गव कोई बात नहीं की उनका मोबाइल ही स्वीच ऑफ हो गया। जेल के डॉक्टर अरविंद मेहता के अनुसार दिव्य जेल के माहौल में मामूली डिप्रेशन में है, उसमें मानसिक रोगी जैसी कोई बात नहीं है, वह बिलकुल नॉर्मल है। मामूली डिप्रेशन के कारण ही उसे एमबी हॉस्पिटल मानसिक रोग विभाग में भेजा था। वहां डॉ. सुशील खैराड़ और डाॅ. सुरेश कोचर ने इसका रुटीन चेकअप भी किया है।
गौरतलब है की एक दिसंबर को रुचिता की ह्त्या कर दिव्य कोठारी ने फतहपुरा पुलिस चोकी में सरेंडर किया था। बाद में पुलिस ने उसको साइकोसिस का मरीज बताते हुए पूरी एक मनघडंत कहानी मीडिया को सूना दी थी, जिसके बाद पुलिस की काफी फजीहत हुई थी।अपनी फजीहत करवाने के बाद पुलिस को समझ में आया और उसने अपनी भूल मानते हुए सही दिशा में जांच की। लेकिन अब वो ही कहानी जेल प्रशासन दोहरा रहा है बल्कि उसको मासिक रोगी के डॉक्टरों से चेकअप करवा कर हत्यारे को पागल बनाने पर मुहर लगा रहा है।

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