स्व घोषित संस्कृति रक्षक डंडे लिये सड़कों पर घूमते रहे – मोहब्बत करने वाले मॉल और रेस्टोरेंट में इजहारे मोहब्बत कर इन्हें चिड़ाते रहे।

Date:

000086831Wउदयपुर . वेलेंटाइन डे के दिन मंगलवार को जहाँ एक तरफ स्वयं घोषित संस्कृति रक्षक संगठनों
के कार्यकर्ता सडकों और पर्यटक स्थलों पर वेलेंटाइन डे के विरोध में सडकों पर चिल्लाते रहे वही युवा प्रेमी जोड़े माल और रेस्टोरेंट में अपने प्रेम का इज़हार बड़े प्यार से करते रहे। विरोध का डंडा उठाये शहर भर में ये संगठन ने रैली निकाली और कार्ड की होली जलाई।
वेलेंटाइन डे के दिन सुबह से ही विरोध करने वाले संगठन बजरंग सेना मेवाड़ और श्रीराम सेना के कार्यकर्ता मोटर साइकिलों पर पर्यटक स्थलों पर प्रेमी जोड़ो को शिकार की तरह तलाश में लगे रहे। यह संगठन दिन भर भारतीय संस्कृति की दुहाई देते हुए नारे बाजी करते हुए वेलेंटाइन डे के विरोध में घुमते रहे। लेकिन इस बार कही भी इन संगठनों को फतह सागर दूध तलाई या अन्य पर्यटक स्थलों पर कोई संदिग्ध प्रेमी जोड़े नज़र नहीं आये। हालाँकि पर्यटन स्थलों पर पुलिस भी खासी तादाद में तैनात की हुए थी। जब शहर भर में रैली निकाल ली तो जिला कलेक्ट्री जा कर अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया इसके बाद में संगठन के यह कार्यकर्ता सूरजपोल चोराहे पर वेलेंटाइन डे के कार्डों की होली जला कर विरोध प्रदर्शन किया साथ ही शहीदों को याद किया।
एक तरफ यह स्वयं संस्कृति रक्षक संगठन सडकों पर प्रेमी जोड़ों को खोजते रहे दूसरी तरफ प्रेमी जोड़े सेलिब्रेशन माल लेकसिटी माल व् एनी कई रेस्टोरेंट में अपनी वेलेंटाइन डे की पार्टी का आयोजन करते रहे। संगठन के कार्यकर्ता का यह विरोध मात्र सांकेतिक बन कर रह गया। कई युवाओं ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि जो लोग विरोध करते हुए प्रेमी जोड़ों को सड़कों पर ढूंड रहे है अब बीते सालों में ट्रेंड बदल चुका है, प्रेमी अब फतह सागर दूधतलाई पर नहीं मिलते अब माल और अलग अलग थीम के रेस्टोरेंट में मिलते है और कार्ड की जगह अब व्हात्सप और फेसबुक यूज करते है।
शहीदों की फांसी की भ्रामक जानकारी पर भी किरकिरी :
बजरंग मेवाड़ सेना और श्रीराम सेना जेसे कई संगठनों के पदाधिकारियों ने व्हाट्सप के कई ग्रुपों पर यह मेसेज डाला कि आज हर कोई वेलेंटाइन डे मना रहा है जब कि १४ फरवरी को भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु को फांसी हुई थी जिनकी याद में हम सूरज पोल चोराहे पर शहीदों को याद कर श्रद्दांजलि दी जाएगी। इस मेसेज का हर ग्रुप में जम कर विरोध हुआ और जानकारी सही करने को कहा क्यूँ कि भगत सिंह सुखदेव को फांसी २३ मार्च १९३१ को डे गयी थी। कई लोगों ने व्हाट्सप पर ही जम कर लताड़ लगाईं कि इस तरह भ्रामक जानकारी नहीं फैलावे। हर ग्रुप में इस तरह के मेसेज का विरोध हुआ और इन संगठनो के पदाधिकारियों की किरकिरी हुई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Прогнозы На Спорт И Ставки и Сегодня От Профессионалов Ставка Tv

Бесплатные Прогнозы И Ставки На Спорт остального ПрофессионаловContentРейтинг Топ-14...

Official Site

"The Melhor Plataforma Sobre Apostas E On Line Casino...

Site Oficial No Brasil Apostas Esportivas E Cassino Online

"Login Mostbet GuiaContentBaixar No IosÉ Possível Assistir A New...

A Mais Interessante Plataforma De Apostas E Casino Online

Mostbet Cz Casino Oficiální Stránky Přihlášení A Sázky Online"ContentApostas...