जयपुर, पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सवाल किया है कि चार घंटे के अंदर 500 और 1000 के नो़़ट तो बंद कर दिये गये मगर आगे फिर से काला धन जमा नहीं हो, उसके लिए सरकार ने क्या-क्या कदम उठाये, क्या-क्या कदम उठाने जा रही है, इसकी ठोस योजना की जानकारी अविलम्ब जनता को दी जानी चाहिए।
श्री गहलोत ने आज सीकर के सर्किट हाउस में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि जिस सिस्टम से ब्लैकमनी पैदा हुई उस सिस्टम को बदलने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है, अगर सिस्टम नहीं बदला गया तो 30 दिसम्बर के बाद ब्लैकमनी फिर से जमा होना शुरू हो जायेगी। सरकार के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक और महत्वपूर्ण सवाल उठाते हुए कहा कि देश में चुनाव में लोग राजनीतिक दलों को नकद में चंदा देते हैं, कोई चैक नहीं देता ऐसे में ब्लैकमनी की शुरूआत तो वहीं से हो जाती है। इसके लिए सरकार की क्या योजना है, क्या सरकार स्टेट फण्डिंग पॉलिसी लाना चाह रही है। चुनाव कैसे लड़े जायें, उसका क्या सिस्टम हो, अगर इस दिशा में कदम नहीं उठाये गये और सिस्टम को नहीं बदला गया तो यह सिर्फ एक बार वाह-वाही लूटने वाला ही कदम साबित होगा। सरकार ने हालांकि बहुत बड़ा कदम उठाया है मगर 3 साल तक इसका प्रभाव नहीं रहेगा।
श्री गहलोत ने कहा कि मेरे विचार में हमेशा के लिए ब्लैकमनी समाप्त करने के लिए सरकार को ठोस योजना बनानी चाहिए। सरकार को यह भी ध्यान में रखना होगा कि यह अनैतिक धन किन-किन रूपों में इस्तेमाल हो रहा है और उन पर भी रोक लगायी जानी चाहिये जैसे चुनावों में, विदेशों में भेजा जाना, सम्पत्तियों या जवाहरात के माध्यम से भुगतान किया जाना, आदि। केवल नोट बदल देने से यह समस्या सुलझने वाली नहीं है। इसके लिये दूरगामी संस्थागत सुधारों की आवश्यकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बहुमत से सत्ता में आई राज्य की भाजपा सरकार नाकारा और निकम्मी है। इस सरकार से लोगों को जो आशाएं व अपेक्षाएं थी, उन पर पानी फिर गया है। प्रदेशवासी आज बहुत परेशान हैं और आक्रोशित भी। अभी से लोग चुनाव का इंतजार करने लगे हैं। इस सरकार का सफाया होना तय है।