उदयपुर. प्रदेशभर के न्यायिक कर्मचारियों को शेट्टी कमीशन की सिफारिशें लागू होने का इंतजार है। शेट्टी कमीशन एवं न्यायिक कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण को लेकर रविवार को राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ का प्रांतीय सम्मेलन जिला न्यायालय परिसर उदयपुर में हुआ। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कमीशन की अनुशंसाओं को लागू नहीं करने पर प्रदेश के सभी न्यायिक कर्मचारियों ने 3 नवम्बर को सामूहिक अवकाश पर रहने का निर्णय लिया है।
सम्मेलन में संघ के प्रदेशाध्यक्ष नत्थूसिंह तंवर ने कर्मचारियों को संगठन की ताकत बताया। संघ के प्रवक्ता योगेश महर्षि ने कहा कि शेट्टी कमीशन की सिफारिशें यदि शीघ्र लागू नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा। प्रदेश महामंत्री बद्रीलाल चौधरी ने कर्मचारियों को अपना मनोबल एवं आत्मबल बनाए रखने की सलाह दी। संघ के प्रदेश सभाध्यक्ष नवरतनमल टांक ने संघ द्वारा शेट्टी कमीशन की क्रियान्विति के संबंध में किए जा रहे प्रयासों एवं उपलब्धियों की जानकारी दी।
संघ के उदयपुर जिलाध्यक्ष भंवरलाल मारू ने बताया कि मुख्य न्यायाधिपति के नाम ज्ञापन तैयार कर भिजवाया गया। सम्मेलन में शेट्टी कमीशन की सिफारिशों के अतिरिक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से न्यायिक अधिकारियों के घर पर बेगारी लिए जाने, नए कर्मचारियों की भर्ती करने, प्रतिदिन के कार्य की सीमा तय करने एवं हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा एक ही तरह की सूचनाएं बार-बार मांगने जैसी समस्याओं पर चर्चा की गई।
क्या है शेट्टी कमीशन
प्रदेशभर के न्यायिक कर्मचारियों ने कार्यभार ज्यादा होने के चलते अपना वेतनमान ज्यादा करने की मांग की थी। इसके लिए शेट्टी कमीशन का गठन किया गया। जिसमें न्यायिक कर्मचारियों व अधिकारियों का वेतनमान अन्य सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के वेतनमान से अधिक करने की सिफारिश की गई। सरकार ने सिफारिशें मानने का निर्णय लिया।